आगजनी व फर्जी आधार मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की तैयारी, SP विधायक सोलंकी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

Published : Dec 21, 2022, 09:48 AM ISTUpdated : Dec 21, 2022, 09:50 AM IST
आगजनी व फर्जी आधार मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की तैयारी, SP विधायक सोलंकी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

सार

यूपी के कानपुर के जाजमऊ में आगजनी और फर्जी आधार कार्ड मामले में पुलिस सपा विधायक इरफान सोलंकी को जल्द से जल्द सजा दिलाने की कोशिश में जुट गई है। बता दें कि पुलिस कमिश्नर ने मुकदमे की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने की अपील की है।

कानपुर: समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी को आगजनी और फर्जी आधार कार्ड मामले में पुलिस जल्द सजा दिलाने के प्रयास में जुट गई है। बता दें कि पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने जिला सेशन न्यायाधीश और मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट को लेटर लिखा है। जिसमें मुकदमे की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने की अपील की है। फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई होने पर सपा विधायक सोलंकी की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। इरफान सोलंकी पर कुल दर्ज 14 मुकदमों में कुल 56 धाराओं में अब तक केस दर्ज हो चुके हैं। विधायक और उनके भाई की मुश्किलें जाजमऊ में प्लाट पर आगजनी के बाद से बढ़ना शुरू हो गई थी। 

जा सकती है विधानसभा की सदस्यता 
बता दें कि पुलिस ने इस मामले में सपा विधायक के खिलाफ IPC की धारा 436 में मुकदमा दर्ज किया है। सीनियर वकील रोहित कुमार ने बताया कि इस धारा के तहत अधिकतम सजा आजीवन जेल या फिर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। अगर सपा विधायक को इस धारा में सजा होती है तो उनकी विधानसभा की सदस्यता तक जा सकती है। मुकदमों की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में तेजी से होती है। ऐसे में किए गए अपराध के लिए सजा भी तेजी से मिल जाती है। वहीं पुलिस की मंशा भी इस मामले में बिलकुल साफ नजर आ रही है। पुलिस सपा विधायक और उनके भाई रिजवान सोलंकी को जल्द से जल्द सजा दिलाना चाहती है।

गंभीर धाराओं में दर्ज हैं केस
वहीं सपा विधायक सोलंकी पर कई गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। कई धाराओं में अधिकतम 7 साल तक सजा हो सकती है। वहीं 2 साल की सजा होने पर विधानसभा सदस्यता खत्म हो जाती है। विधायक और सांसदों के अधिकतर केसों की सुनवाई MP/MLA कोर्ट में ही होती है। बता दें कि फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई सुनवाई में जल्द फैसला आते ही सजा होने पर सीसामऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव का रास्ता खुल सकता है। अगर ऐसे में उपचुनाव हुए तो बीजेपी इस सीट पर कमल खिलाने के लिए पूरा जोर लगाएगी। वहीं इस सीट को जीतने के लिए 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कई दिग्गजों को चुनाव-प्रचार में उतारा था।

35 दिनों में दर्ज हुईं 5 FIR
मोदी लहर और भाजपा के गढ़ कानपुर में साल 2017 में भी इस सीट पर इरफान सोलंकी लगातार तीसरी बार विधायक बने थे। जिसके बाद चर्चा में आए सपा विधायक मोदी लहर में भी लगातार तीसरी बार विधायक बने। फिर 2022 में चौथी बार भी चुनाव जीते थे। वहीं भाजपा ने कड़ी मेहनत कर जीत के अंतर को घटा दिया था। विधायक इरफान सोलंकी पर पुलिस का शिकंजा कसने के बाद भाजपा समाजवादी की इस सीट पर सोलंकी के जीत का तिलिस्म को जरूर तोड़ना चाहेगी। पुलिस ने महज 35 दिन में इरफान सोलंकी के खिलाफ 5 एफआईआर दर्ज की है। बता दें कि सभी गंभीर धाराओं में केस दर्ज है। वहीं शिकायतों की जांच करने के लिए एक SIT का गठन किया गया है। 

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