
लखीमपुर खीरी। लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Khiri Violence) में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का बेटा और मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को फिलहाल जेल में ही रहना पड़ेगा। गुरुवार को जिला अदालत में जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई। जिला जज ने अगली सुनवाई के लिए 3 नवंबर की तारीख निर्धारित की है। इससे पहले आशीष ने गिरफ्तारी के बाद 13 अक्टूबर को सीजेएम कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी। सीजेएम ने सुनवाई के बाद अर्जी खारिज कर दी थी। उसके बाद आशीष ने 21 अक्टूबर को जिला जज मुकेश मिश्रा के यहां जमानत अर्जी दाखिल की थी।
जिला जज ने सुनवाई के लिए 28 अक्टूबर की तारीख नीयत की थी। इस मामले में कोर्ट दो अन्य आरोपियों आशीष पांडेय और लवकुश राणा की जमानत पर 3 नवंबर को सुनवाई होनी है। पुलिस ने इस मामले में इन्हीं दोनों को सबसे पहले गिरफ्तार किया था। इधर, बुधवार को इस मामले में पांच आरोपियों के पुलिस रिमांड को भी मंजूरी दे दी गई और चारों आरोपियों का 2 दिन का रिमांड दूसरी बार मंजूर की है।
बता दें कि जिला जज ने नियत तिथि पर आरोपियों का आपराधिक इतिहास और मामले की केस डायरी प्रस्तुत करने के लिए अभियोजन को निर्देशित किया था। दरअसल, तिकुनिया हिंसा मामले में दो अलग-अलग केसों के पांच आरोपियों की पुलिस रिमांड मंजूर हो गई है। किसानों की मौत के मामले में आरोपी सभासद, सुमित जायसवाल, नंदन सिंह विष्ट, सत्यम त्रिपाठी और शिशुपाल को सीजेएम ने दो दिन के लिए दोबारा पुलिस रिमांड पर देने का आदेश दिया है। पुलिस इन चारों आरोपियों को 28 अक्टूबर की सुबह से 30 अक्टूबर की सुबह दस बजे तक अपनी कस्टडी में रखकर पूछताछ कर सकती है। वहीं, सभासद की ओर से दर्ज कराए गए केस में आरोपी गुरविंदर सिंह को 3 दिन के लिए पुलिस कस्टडी में देने का आदेश दिया है।
पुलिस ने दो दिन पहले दी थी रिमांड की अर्जी
पुलिस गुरविंदर सिंह को 28 अक्टूबर की सुबह 10 बजे से 31 अक्टूर की सुबह 10 बजे तक अपनी अभिरक्षा में रखकर पूछताछ कर सकेगी। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी एसपी यादव ने बताया कि इन आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लेने की अर्जी मंगलवार को कोर्ट में दी गयी थी। जिस पर बुधवार को सुनवाई करते हुए सीजेएम चिंताराम ने आदेश दिया है।
एसआईटी तलाश रही है चश्मदीद गवाह
सुप्रीम कोर्ट से लखीमपुर हिंसा में फटकार लगने के बाद एसआईटी अब चश्मदीद गवाहों की तलाश में लगी है। इसके लिए एसआईटी ने मोबाइल नंबर जारी किए हैं। एसआईटी का दावा है कि चश्मदीदों के नाम उजागर नहीं किए जाएंगे और पुलिस उन्हें सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराएगी। एसआईटी का कहना है कि जिन लोगों के पास हिंसा के दिन (3 अक्टूबर) के इलेक्ट्रानिक साक्ष्य हैं, वह एसआईटी को मुहैया कराएं।
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यह है पूरा मामला
दरअसल, लखीमपुर खीरी जिले में 3 अक्टूबर को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का दौरा था। यहां तिकुनिया में तीन कृषि कानून के विरोध में किसान प्रदर्शन करने के लिए इकट्ठे हुए थे। इसी दौरान केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की कार ने सड़क पर चल रहे किसानों को कुचल दिया था। इसमें चार किसानों की मौत हो गई थी। इसके बाद गुस्साए किसानों ने कार के ड्राइवर समेत चार लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। मरने वालों में दो बीजेपी कार्यकर्ता, एक ड्राइवर और पत्रकार शामिल था।
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