इनामी बदमाश का पीछा करते उत्तराखंड पहुंची मुरादाबाद की पुलिस टीम की ग्रामीणों के साथ भिड़ंत हो गई। इतना ही पुलिस का हथियार लूटने के बाद गोलियां भी चलाई। इस गोलाबारी में एक महिला की मौत हो गई, जबकि 6 पुलिसकर्मी घायल है। इसके साथ ही यूपी पुलिस पर एफआईआर दर्ज हो गई है।
लखनऊ: पचास हजार रुपए इनामी खनन माफिया की गिरफ्तारी के लिए उत्तराखंड के कुंडा के ग्राम भरतपुर में दबिश देने के लिए पहुंची। यूपी की ठाकुरद्वारा पुलिस और एसओजी टीम की ग्रामीणों से भिड़ंत हो गई। उत्तराखंड पहुंची मुरादाबाद की पुलिस टीम को खनन माफियाओं ने घेरकर बंधक बना लिया। इतना ही नहीं पुलिस का हथियार लूटने के बाद गोलियां भी चलाई गई। इस फायरिंग में जसपुर के ज्येष्ठ उप्रमुख गुरताज सिंह भुल्लर की पत्नी गुरजीत कौर (28) की मौत हो गई और छह पुलिसकर्मी घायल हो गए है।
दो पुलिसकर्मियों की हालत है गंभीर, धरने पर बैठे रहे ग्रामीण
पुलिसकर्मियों में घायल हुए लोगों में से दो की हालत गंभीर है। भुल्लर की तहरीर पर कुंडा पुलिस ने यूपी पुलिस के 10-12 जवानों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। दरअसल ठाकुरद्वारा पुलिस को सूचना मिली थी कि 13 सितंबर को पुलिस दल पर हमला करने वाला इनामी खनन माफिया जफर भरतपुर में जसपुर के ज्येष्ठ उपप्रमुख भुल्लर के यहां छिपा हुआ है। उसके बाद ठाकुरद्वारा कोतवाल योगेंद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस व एसओजी टीम ने बुधवार की शाम भुल्लर के फार्म हाउस की घेरबंदी कर ली। पुलिसकर्मियों ने वर्दी न पहनकर सादे कपड़े पहन रखे थे, जिसकी वजह से अनजान लोगों को देखकर परिजनों ने ललकारा भी। गुस्साएं लोगों की अफसरों से तीखी झड़प भी हुई और देर रात तक ग्रामीण धरने पर बैठे थे।
ग्रामीणों ने हत्या के आरोप के साथ गिरफ्तारी की रखी मांग
मुरादाबाद के डीआईजी शलभ माथुर का कहना है कि ग्रामीणों ने पुलिस टीम को बंधक बना लिया और फायरिंग की। इसकी वजह से गोली लगने से दो और संघर्ष में चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। इतना ही नहीं ग्रामीणों का आरोप है कि यूपी पुलिस की फायरिंग में ड्यूटी कर घर लौट रही गुरजीत को गोली लग गई। आनन-फानन में उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मृतका की मौत से स्थानीय लोगों ने कुंडा थाने के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। इलाके में तनाव को बढ़ता देख ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिले की पुलिस फोर्स को मौके पर बुलाया गया।
दोषियों को नहीं जाएगा बख्शा, बाद में मिले लापता पुलिसकर्मी
मुरादाबाद डीआईजी शलभ माथुर आगे कहते है कि माफिया जफर की तलाश में ठाकुरद्वारा के पास घेराबंदी की तो वह उत्तराखंड के भरतपुर पहुंच गया। वहां गई हमारी टीम को बंधक बना लिया गया। उनके हथियार भी छीन लिए गए। इतना ही नहीं एसओजी प्रभारी समेत पांच लापता पुलिसकर्मी बाद में मिले। उन्होंने आगे कहा कि टीम पर हमले के बाद पुलिसकर्मियों के तीन शस्त्र भी गायब हैं। वहीं उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का कहना है कि ऊधमसिंह नगर पुलिस को गंभीरता से जांच के निर्देश दिए हैं। पहले गोली किसने चलाई, यह भी जांच की जा रही है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।