
लखनऊः केंद्र सरकार की ओर से बीते 15 नवम्बर को दिन में ही पोस्टमार्टम किए जाने के अंग्रेजों के जमाने के बनाए गए कानून को समाप्त कर दिया गया था। अब उत्तर प्रदेश के भीतर पोस्टमार्टम हाउस(post mortem house) की स्थिति का आंकलन किया जा रहा है। जिसके बाद अगले दो से तीन दिनों में यानी अगले सप्ताह तक इसे लेकर नया कानून लागू कर दिया जाएगा।
'नए आदेश के बाद बिना अनुमति सूर्यास्त के बाद हो सकेगा मृतक का पोस्टमार्टम'
यूपी सरकार के अपर मुख्य सचिव ( Additional Chief Secretary), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि एक-दो दिन में इसे लेकर आदेश जारी करने की तैयारी की जा रही है। पोस्टमार्टम हाउस की स्थिति का आंकलन किया जा रहा है। इसके लिए जरूरी मानव संसाधन(human resource) जुटाया जाएगा। फिलहाल अब आगे पोस्टमार्टम(post mortem) के लिए मृतक के परिजन और रिश्तेदारों को बेवजह इंतजार नहीं करना होगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डा. वेदब्रत ने बताया कि अभी कुछ मामलों में डीएम की अनुमति लेकर रात में पोस्टमार्टम किया जाता है। आगे बिना अनुमति मृतक का पोस्टमार्टम सूर्यास्त के बाद किया जा सकेगा।
संदेह को दूर करने के लिए रात में हुए पोस्टमॉर्टम की होगी वीडियो रिकॉर्डिंग
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के अनुसार, अंग्रेजों के समय की व्यवस्था खत्म कर दी गई है। नए प्रोटोकॉल के अनुसार अंगदान के लिए पोस्टमार्टम प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए और सूर्यास्त के बाद भी उन अस्पतालों में किया जाना चाहिए, जिनके पास नियमित आधार पर इस तरह के पोस्टमॉर्टम करने के लिए बुनियादी सुविधा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार किसी भी संदेह को दूर करने और कानूनी मकसद के लिए रात में सभी पोस्टमॉर्टम के लिए पोस्टमॉर्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। हालांकि इसमें हत्या, आत्महत्या, बलात्कार, सड़ चुके शव और संदिग्ध मामलों में पोस्टमॉर्टम नहीं किया जाएगा। इसका उद्देश्य पर्याप्त बुनियादी ढांचा उपलब्ध होने पर भी सूर्यास्त के बाद भी अंगदान के लिए पोस्टमॉर्टम पर जोर देना है।
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