
रामपुर: उत्तर प्रदेश में रामपुर उपचुनाव में पांच दिसंबर को वोट डाले जाने हैं लेकिन उससे पहले सपा नेता आजम खान के करीबी कहे जाने वालों ने पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए। वहीं दूसरी ओर मुस्लिम समुदाय की तुर्क बिरादरी समाजवादी पार्टी का कट्टर वोटर रही है लेकिन इन दिनों यही तुर्क बिरादरी आजम खान और समाजवादी पार्टी से नाराज चल रही है। इस वजह से बीजेपी के जीतने की आस बढ़ती जा रही है। ऐसा बताया जा रहा है कि तुर्क बिरादरी में भागीदारी को लेकर नाराजगी है और उनका कहना है कि सपा और आजम खान ने वोट तो लिए लेकिन जब भागीदारी देने का वक्त आया तब तुर्कों को नरअंदाज कर दिया गया।
शहर में करीब ढाई लाख है तुर्क मतदाता
रामपुर विधानसभा और रामपुर लोकसभा में तुर्क बिरादरी के मतदाताओं की तादाद अच्छी-खासी है। तुर्क बिरादरी जो हमेशा आजम खान के पीछे चट्टान की तरह खड़ी रही थी, वह उन्हें लेकर नाराजगी जताती नजर आ रही है। दरअसल रामपुर सीट पर सपा के उम्मीदवार आसिम राजा से तुर्क वोट छिटकता नजर आ रहा है। तुर्क बिरादरी से आने वाले रामपुर के नेता मुन्ना मशहूर ने सबसे पहले बगावत का बिगुल फूंकते हुए आरोप लगाया कि आजम खान ने रामपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में हारे उम्मीदवार पर दांव लगाया है। शहर में करीब 25 हजार और रामपुर लोकसभा क्षेत्र में करीब ढाई लाख तुर्क मतदाता बताए जा रहे हैं।
नेता के समर्थक सपा उम्मीदवार को नहीं करेंगे वोट
मुन्ना मशहूर के बाद स्थानीय सपा नेता फसाहत अली सानू ने बगावत का झंडा बुलंद किया और सीधे भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अब्दुल दरी नहीं बिछाएगा बल्कि विधायक और सांसद बनेगा। दूसरी ओर तुर्क बिरादरी से आने वाले रामपुर के जिला पंचायत अध्यक्ष मुन्ना मशहूर ने तो विधानसभा चुनाव के लिए पर्चा भी खरीद खरीद लिया था। हालांकि, मुन्ना ने पर्चा तो नहीं भरा लेकिन उनके समर्थक खुलेआम कह रहे हैं कि वह सपा उम्मीदवार आसिम रजा को वोट नहीं करेंगे।
जानिए क्यों है भाजपा को जीत की आस
समाजवादी पार्टी और आजम खान के करीबियों में नाराजगी, तुर्क बिरादरी से भंग होते ही भारतीय जनता पार्टी को रामपुर उपचुनाव में जीत की आस नजर आने लगी है। इस वजह से बीजेपी के स्थानीय नेता भी यह कहने लगे हैं कि तुर्क और आजम खान के करीबी नाराज हैं तो इस बार रामपुर का किला फतह किया जा सकता है। आकाश सक्सेना को बीजेपी ने रामपुर उपचुनाव में प्रत्याशी बनाया है। उम्मीदवार आकाश सक्सेना को भी यह लग रहा है कि इस बार मुसलमानों के बीच, खासकर तुर्क समुदाय के बीच फैला गुस्सा उन्हें फायदा दिलाएगा।
जानें किस वजह से नाराज है तुर्क बिरादरी
बता दें कि तुर्क वह बिरादरी है जो खुद को तुर्की से जोड़ती है। इसका मानना है कि उनके पुरखे तुर्की से आए थे जबकि बाकी बिरादरी और स्थानीय मुस्लिम यहीं कन्वर्ट हुए हैं। सवाल यहीं उठ रहा है कि तुर्क नाराज क्यों हैं। इस वजह से कहा जा रहा है कि सपा से टिकट के कई दावेदार थे जिनको लगता था कि अगर आजम खान अपने परिवार के बाहर किसी को भी टिकट दिलवाएंगे तो उनके लिए भी मौका बन सकता है। आसिम रजा रामपुर लोकसभा सीट से उपचुनाव हार चुके थे और ऐसे में जैसे ही उन्हें विधानसभा उपचुनाव के लिए टिकट मिला तो आजम खान के करीबी भी बगावती तेवर दिखाने लगे।
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