सपा के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहते हैं शिवपाल, बोले-मैं अखिलेश को दोबारा CM बनते देखना चाहता हूं

सपा विधायक शिवपाल यादव ने एक बार फिर परिवार एकता को लेकर अखिलेश का साथ देने की बात कही है। मंगलवार को उन्होंने कहा, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अगर आपसी मतभेद भुला देंगे तो एक बार फिर वो 2022 में यूपी के सीएम बन जाएंगे।

इटावा (Uttar Pradesh). सपा विधायक शिवपाल यादव ने एक बार फिर परिवार एकता को लेकर अखिलेश का साथ देने की बात कही है। मंगलवार को उन्होंने कहा, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अगर आपसी मतभेद भुला देंगे तो एक बार फिर वो 2022 में यूपी के सीएम बन जाएंगे। मैं चाहता हूं कि नेता जी (मुलायम) के जन्मदिन (22 नवम्बर) पर परिवार एक हो जाए। भतीजा समझ लेगा तो सरकार बना लेगा। मुझे मुख्यमंत्री नहीं बनना है। मैं भतीजे को दोबारा से मुख्यमंत्री बनते देखना चाहता हूं। मेरी प्राथमिकता सिर्फ समाजवादी पार्टी है क्योंकि हमने बहुत लंबे समय तक नेताजी के साथ काम किया। हमारी विचारधारा भी समाजवादी है।

बिना शर्त अखिलेश को समर्थन देने को तैयार शिवपाल
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल ने पार्टी बैठक में कहा, मैं गठबंधन के मामले में सिर्फ समाजवादी पार्टी को वरीयता दूंगा। हम बिना शर्त अखिलेश यादव से मिलने को तैयार हैं। सपा और प्रसपा एक हो जाए तो सरकार बना लेंगे। मेरी तो कभी भी मुख्यमंत्री बनने की इच्छा नहीं थी। मैं कई बार कह चुका हूं मुझे मुख्यमंत्री नहीं बनना। 

Latest Videos

परिवार एक होकर मनाए नेताजी का जन्मदिन
बता दें, प्रसपा प्रदेश भर में 22 नवंबर को नेताजी मुलायम सिंह यादव का जन्म दिन मनाएगी। इसके लिए शिवपाल परिवार के सभी लोगों को आमंत्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 22 नवंबर को नेताजी (मुलायम सिंह यादव) का जन्म दिन है। सैफई मे नेताजी का जन्म दिन पर परिवार को एकजुट होकर मनाना चाहिये।

पहले भी शिवपाल दे चुके हैं वापसी के संकेत 
बता दें, कुछ दिनों पहले शिवपाल ने कहा था कि उनकी तरफ से सुलह की पूरी गुंजाइश है। ठीक बाद अखिलेश ने कहा था, शिवपाल का घर में स्वागत है। अगर वो वापस आते हैं तो आंख बंद कर शामिल कर लूंगा। 

ऐसे शुरू हुई थी चाचा भतीजे के बीच खींचतान 
साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले मुलायम कुनबे में वर्चस्व की जंग छिड़ गई थी। इसके बाद अखिलेश ने पार्टी पर अपना राज कायम कर लिया। इसी वजह से अखिलेश और शिवपाल के बीच दूरियां काफी बढ़ गईं। हालांकि, पार्टी की नींव रखने वाले मुलायम सिंह यादव सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने दोनों के बीच सुलह-समझौते की काफी कोशिशें कीं, लेकिन सफलता नहीं मिली। मुलायम को जहां पार्टी को आगे ले जाने में उनके साथ कंधे से कंधा मिलकर चलने वाले अपने छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव से लगाव था। वहीं, दूसरी ओर पुत्रमोह भी उनके रास्ते में आड़े आ गया। नतीजा ये हुआ कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले शिवपाल ने अपने समर्थकों के साथ खुद का राजनीतिक दल प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बना दिया।

Share this article
click me!

Latest Videos

'ये सरकार ने जान बूझकर...' संभल में बवाल पर अखिलेश का सबसे बड़ा दावा, कर देगा हैरान
संभल जामा मस्जिद: क्यों उग्र हो गई भीड़, हालात हुए तनावपूर्ण । Sambhal Jama Masjid Dispute
'मैं आधुनिक अभिमन्यु हूं...' ऐतिहासिक जीत पर क्या बोले देवेंद्र फडणवीस । Maharashtra Election 2024
LIVE: जयराम रमेश और पवन खेड़ा द्वारा कांग्रेस पार्टी की ब्रीफिंग
महाराष्ट्र में ऐतिहासिक जीत के बाद BJP कार्यालय पहुंचे PM Modi । Maharashtra Election Result