अयोध्या मंदिर में शिलाओं का हुआ चयन, गर्भ गृह में दो रामलला की मूर्तियां होगी स्थापित

रामनगरी अयोध्या के मंदिर में शिलाओं का चयन हो गया है। राज जन्मभूमि मंदिर के गर्भ गृह में दो रामलला की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। एक मूर्ति स्थाई तौर पर रामलला के गर्भ गृह में रहेगी। दूसरी मूर्ति उत्सव मूर्ति के रूप में रामलला के परिसर में स्थापित की जाएगी। 

अयोध्या: उत्तर प्रदेश की रामनगरी अयोध्या के मंदिर में शिलाओं का चयन हो गया है। रामलला के गर्भ गृह के निर्माण के बाद भगवान राम के गर्भ गृह में दो रामलला की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। जिसमें से एक मूर्ति स्थाई तौर पर रामलला के गर्भ गृह में रहेगी। वहीं दूसरी मूर्ति उत्सव मूर्ति के रूप में रामलला के परिसर में स्थापित की जाएगी। स्थाई मूर्ति के तौर पर ट्रस्ट अब तीन फीट से पांच फीट तक की मूर्ति की स्थापना करेगा और उत्सव मूर्ति के रूप में वर्तमान रामलला की मूर्ति रहेगी। ट्रस्ट द्वारा जो स्थाई मूर्ति की स्थापना करेगा उसका रंग सफेद संगमरमर का हो सकता है।

अचल प्रतिमा बालस्वरूप में होगी विराजमान
रामजन्म भूमि ट्रस्ट के प्रमुख सदस्य के पीठाधीश्वर विश्वप्रसन्ना तीर्थ स्वामी ने जानकारी देते हुए कहा कि रामलला के मंदिर में भगवान की प्रतिमा विराजमान किए जाने के लिए विचार हो रहा है। इसके लिए काले शालिग्राम और सफेद संगमरमर की मूर्ति को लेकर मंथना किया जा रहा है। आगे कहते है कि उत्तर भारत में भगवान की सफेद संगमरमर की मूर्ति होती है तो अगर सफेद संगमरमर की मूर्ति होगी तो अच्छा होगा। विश्वप्रसन्ना तीर्थ स्वामी ने आगे बताया कि राम जन्मभूमि परिसर में बाल स्वरूप में रामलला विराजमान हैं तो अचल प्रतिमा भी भगवान रामलला की मूर्ति बालस्वरूप में विराजमान होगी। 

गर्भ गृह में 3 से 5 फीट की होगी अचल प्रतिमा
राम मंदिर के गर्भ गृह में 3 से 5 फीट की अचल प्रतिमा स्थापित की जाएगी। राम जन्म भूमि ट्रस्ट के सदस्य पेजावर मठ के पीठाधीश्वर विश्वप्रसन्ना तीर्थ स्वामी ने आगे बताया कि इस तरह से राम जन्मभूमि के अंदर दो मूर्तियां रामलला की स्थापित होंगी। रामलला की नई मूर्ति स्थाई तौर पर राम जन्मभूमि परिसर में रहेगी, जिसकी अचल स्थापना होगी दूसरी मूर्ति जो वर्तमान समय में रामलला की है उत्सव मूर्ति के रूप में रहेगी जो विशेष पर्व और उत्सव के मौके पर मंदिर परिसर के बाहर भी निकाली जा सकेगी। लेकिन अभी भी स्थाई मूर्ति को लेकर विचार हो रहा है। 

उत्तर भारत में ज्यादातर मूर्तियां सफेद रंग की होती
पीठाधीश्वर विश्वप्रसन्ना तीर्थ स्वामी ने कहा कि रामलला की स्थाई मूर्ति के बारे में विचार हो रहा है। रामलला की मूर्ति शालिग्राम पत्थर से रहे या सफेद शिला से। उनका कहना है कि प्रमुख रूप से मूर्तियां 2 शिलाओं में मिलती हैं। शालिग्राम शिला और सफेद शिला लेकिन उत्तर भारत में ज्यादातर मूर्तियां सफेद रंग की शिला होती है इसको हम अच्छा मानेंगे। बालस्वरूप में भगवान रामलला की मूर्ति होनी चाहिए, इस बात का निर्णय हो चुका है। साथ ही अभी इसका चित्रांकन (मूर्ति का स्वरूप) करना बाकी है। मंदिर एक गर्भ ग्रह के अनुसार रामलला की स्थाई मूर्ति 3 फीट से 5 फीट के बीच में होगी।

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