
प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गांवों में बदहाली को देखते हुए सरकार पर तल्ख टिप्पणी की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजित कुमार ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सोमवार को कहा कि प्रदेश के गांवों और कस्बों में चिकित्सा व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है। समय रहते इसमें सुधार न होने का मतलब है कि हम कोरोना की तीसरी लहर को दावत दे रहे हैं।
कोर्ट ने ऐसी तैयारी करने को कहा
कोर्ट ने B और C ग्रेड के कस्बों में 20 एंबुलेंस और हर गांव में ICU सुविधा वाली दो एंबुलेंस तैनात करने का आदेश दिया है। इसके लिए कोर्ट ने बिजनौर, बहराइच, बाराबंकी, श्रावस्ती, जौनपुर, मैनपुरी, मऊ, अलीगढ़, एटा, इटावा, फिरोजाबाद और देवरिया के जिला जजों को नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा है। ये नोडल अधिकारी कोर्ट के आदेश का पालन करवाकर रिपोर्ट तैयार करेंगे। कोर्ट ने मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज के प्राचार्य को सेंट्रलाइज मॉनिटरिंग सिस्टम में कोविड और ICU वार्डों की डिटेल 22 मई को पेश करने का निर्देश दिया है।
22 मई को होगी अगली सुनवाई
हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार के स्वास्थ्य सचिव से कोरोना की रोकथाम और बेहतर इलाज की डिटेल प्लानिंग मांगी है। साथ ही कहा है कि नौकरशाही छोड़कर एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर अच्छे से प्लान तैयार करें। कोर्ट ने गांवों और कस्बों में टेस्टिंग बढ़ाने का भी आदेश दिया। इस मामले में अगली सुनवाई 22 मई को होगी।
4 माह में पूरी की जाए 5 मेडिकल कालेज बनाने की प्रक्रिया
कोर्ट ने कहा कि SGPGI लखनऊ, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी मेडिकल कॉलेज, किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज लखनऊ की तर्ज पर प्रयागराज, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर में भी हाईटेक सुविधाओं वाले मेडिकल कॉलेज बनाए जाएं। यह प्रक्रिया चार महीने के अंदर पूरी करनी होगी। इसके लिए जमीन और फंड की कोई कमी न रहे।
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