UP Chunav 2022: 10 मार्च को होगी वोटों की गिनती, जानिए मतगणना की पूरी प्रक्रिया

वोटिंग मशीन ईवीएम में कैद आपका हर वोट पूरी तरह सुरक्ष‍ति है। मतदान के बाद स्ट्रांग रूम में रखे गए ईवीएम मतगणना के दिन ही निकाले जाएंगे और फिर फिर मतगणना केंद्रों पर वोटों की गिनती शुरू होगी। सुबह आठ बजे से यूपी विधानसभा की कुल 403 सीटों पर वोटों की गिनती शुरू होगी, जिसके आधे घंटे बाद ही रुझान आने शुरू हो जाएंगे। यहां रिटर्निंग आफिसर के अलावा चुनाव में खड़े प्रत्याशी, इलेक्शन एजेंट, काउंटिंग एजेंट भी रहेंगे। इसकी वीडियोग्राफी भी होगी।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए कल यानी गुरुवार 10 मार्च को वोटों की गिनती होगी। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से वोटों की गिनती शुरू होगी इसके बाद पता चलेगा क‍ि उत्‍तर प्रदेश की सत्‍ता पर किसका कब्‍जा होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि जिस ईवीएम से आप वोट देते हैं, उसकी गिनती कैसे होती है तो आज हम आपको वोटों की गिनती से जुड़ी पूरी प्रक्रिया के बारे में बता रहे हैं। ये खबर जरूर राहत भरी साबित होगी। आइये जानते हैं मतगणना की पूरी प्रक्रिया।

बता दें कि वोटिंग मशीन ईवीएम में कैद आपका हर वोट पूरी तरह सुरक्ष‍ति है। मतदान के बाद स्ट्रांग रूम में रखे गए ईवीएम मतगणना के दिन ही निकाले जाएंगे और फिर फिर मतगणना केंद्रों पर वोटों की गिनती शुरू होगी। सुबह आठ बजे से यूपी विधानसभा की कुल 403 सीटों पर वोटों की गिनती शुरू होगी, जिसके आधे घंटे बाद ही रुझान आने शुरू हो जाएंगे। यहां रिटर्निंग आफिसर के अलावा चुनाव में खड़े प्रत्याशी, इलेक्शन एजेंट, काउंटिंग एजेंट भी रहेंगे। इसकी वीडियोग्राफी भी होगी।

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ईटीपीबीएस
तीन तरीकों (ईटीपीबीएस, पोस्टल बैलेट और ईवीएम) से मतों की गिनती होगी। पहला है ईटीपीबीएस अर्थात इलेक्ट्रानिक ट्रांसमिशन पोस्टल बैलेट सिस्टम इसका प्रयोग उन सर्विस वोटरों के लिए किया जाता है, जो कि अलग-अलग जगहों पर तैनात हैं। जैसे सेना, सीआरपीएफ व बीएसफ आदि। जिन लिफाफों में यह वोट पहुंचे हैं। उनमें एक क्यूआर कोर्ड अंकित होता है। इस वर्ग के मतों की गिनती से पहले क्यूआर कोर्ड की स्क्रीनिंग की जाती है। इससे वोट की वास्तिवकता पता चलती है।

पोस्टल बैलेट या डाक मत पत्र
जैसा कि नाम से स्पष्ट हो रहा है कि यह मत पत्र होगा। इसमें पहले जैसे ही बैलेट पेपर होगा जिस पर हम मतदान करते हैं। यह दिव्यांग, बुजुर्ग, चुनाव ड्यूटी में लगे लोग जो बूथ पर मौजूद नहीं हो सकते या पा रहे हैं उनके लिए आयोग ने व्यवस्था की है।

ईवीएम
इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से वोटिंग व काउंटिंग दोनों में बैलेट पेपर की तुलाना में कम समय लगता है। यह मतपत्र की अपेक्षाकृत पारदर्शी प्रणाली भी है। ईवीएम से एक व्यक्ति-एक वोट का सिद्धांत पूरी तरह से लागू होता है। कोई भी एक से अधिक वोटिंग नहीं कर सकता। एक ईवीएम में अधिकतम 3840 मतों को रिकॉर्ड किया जा सकता है और एक ईवीएम में अधिकतम 64 उम्मीदवारों के नाम अंकित किए जा सकते हैं। अब प्रत्याशियों के फोटो भी अंकित रहते हैं।

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