क्या आपको याद है 1 जनवरी 2020 की सुबह.... जब हर कोई नए साल के जश्न में डूबा हुआ था। नई सुबह, नया दिन, नया साल...और नया जोश। शायद यही सोच कर अग्रवाल परिवार भी अपनी खुशियों को दोगुना करने और नए साल का स्वागत् करने के लिए शहर की शोरगुल वाली जिंदगी से दूर कुछ वक्त अपनों के साथ बिताने के लिए अपने ही आशियाने में आया हुआ था।
वीडियो डेस्क। क्या आपको याद है 1 जनवरी 2020 की सुबह.... जब हर कोई नए साल के जश्न में डूबा हुआ था। नई सुबह, नया दिन, नया साल...और नया जोश। शायद यही सोच कर अग्रवाल परिवार भी अपनी खुशियों को दोगुना करने और नए साल का स्वागत् करने के लिए शहर की शोरगुल वाली जिंदगी से दूर कुछ वक्त अपनों के साथ बिताने के लिए अपने ही आशियाने में आया हुआ था। लेकिन इससे पहले कि पूरा परिवार नए साल की खुशियां मना पाता....एक हादसे ने सब कुछ तबाह कर दिया। ऐसी तबाही कि अब सिर्फ सिसकिया, दर्द, और सिर्फ दुख हैं। जिसके घाव वक्त के साथ भी नहीं भरेंगें। और ना उन घावों को भरने के लिए कोई मरहम है।
पातालपानी स्थित निजी फार्म हाउस में पाथ इंडिया कंपनी के डायरेक्टर अपने परिवार के साथ आए हुए थे। नए साल के जश्न की तैयारी में पूरा परिवार डूबा हुआ था। शाम के लगभग साढे 5 बजे थे। तभी बिल्डिंग में लगी लिफ्ट से उतरते समय 70 फीट की ऊंचाई से लिफ्ट पलट गई। इस हादसे में पाथ इंडिया के डायरेक्टर पुनीत, उनकी बेटी, पोता, दामाद, दामाद के जीजा और उनके बेटे की मौत हो गई। एक साथ 6 लोग इस नई साल के शुरुआत से पहले ही इस दुनिया को छोड़ कर चले गए। और अपने पीछे छोड़ गए हैं... कुछ बेबस जिंदगियां.....
पाथ इंडिया के डायरेक्ट पुनीत अग्रवाल की बेटी की शादी 2 साल पहले ही हुई थी। प्रेम विवाह करने वाली बेटी की हर इच्छा को पिता ने पूरा किया था। बिल्कुल राजकुमारी वाली जिंदगी। पलक और पलकेश की एक 8 महीने की बेटी है, लेकिन पलक और पलकेश अपनी राजकुमारी की जिद को पूरा करने के लिए इस दुनिया में नहीं हैं। घर वालों का रो-रो कर बुरा हाल है। मासूम मुंह से कुछ बोल नहीं पा रही लेकिन उसकी निगाहें पूरे घर में सिर्फ अपनी मां को ही ढूंढती हैं।
इस हादसे ने सबकी जिंदगी को बदल दिया। 53 साल के पुनीत अग्रवाल 2019 में बेहद खुश थे क्यों कि 2020 में उनके घर एक नन्हा मेहमान आने वाला था। उनकी पोती के रूप में, लेकिन इससे पहले कि वे अपनी पोती का मुंह देखते उसे अपने हाथों में लेकर लाड करते। पुनीत और उनका पोता हादसे का शिकार हो गए। इस हादसे के बाद उनकी बहू ने एक बेटी को जन्म दिया। और उसका नाम रखा सारा... जिसे उसके दादा ने सोचा था।
दिन निकलते जा रहे हैं, लेकिन आंसू हैं कि रुक नहीं रहे। बस दरवाजे पर नजर टिक जाती हैं कि कोई चमत्कार हो और सब वापस आ जाएं.... ये दर्द खत्म हो जाए।
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