वीडियो डेस्क। बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा-2021 पर एक बार फिर कोरोना का संकट गहरा गया है। संबधित प्रशासन इसे आम श्रद्धालुओं के लिए रद करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। ऐसी स्थिति में पवित्र छड़ी मुबारक के संरक्षक दशनामी अखाड़ा के महंत दीपेंद्र गिरि ही सनातन परंपराओं के मुताबिक पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी की वार्षिक पूजा के लिए छड़ी मुबारक संग जा सकेंगे। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि 14 मई को बाबा के दर्शन हुए। एशियानेट न्यूज हिन्दी की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।
वीडियो डेस्क। बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा-2021 पर एक बार फिर कोरोना का संकट गहरा गया है। संबधित प्रशासन इसे आम श्रद्धालुओं के लिए रद करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। ऐसी स्थिति में पवित्र छड़ी मुबारक के संरक्षक दशनामी अखाड़ा के महंत दीपेंद्र गिरि ही सनातन परंपराओं के मुताबिक पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी की वार्षिक पूजा के लिए छड़ी मुबारक संग जा सकेंगे। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि 14 मई को बाबा के दर्शन हुए। एशियानेट न्यूज हिन्दी की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।
हजारों साल पुराना है गुफा का इतिहास
अमरनाथ गुफा का इतिहास हजारों साल पुराना माना जाता है। यहां बर्फ की टपकती बूंदों से 10-12 फीट ऊंचा शिवलिंग हर साल बनता है। अमरनाथ शिवलिंग की ऊंचाई चंद्रमा के घटने-बढ़ने के साथ-साथ घटती-बढ़ती रहती है। पूर्णिमा पर शिवलिंग अपने पूरे आकार में होता है, जबकि अमावस्या पर शिवलिंग का आकार कुछ छोटा हो जाता है।
ऐसी है बाबा अमरनाथ की गुफा
श्रीनगर से करीब 145 किलोमीटर की दूरी पर अमरनाथ गुफा स्थित है। यह गुफा लगभग 150 फीट ऊंची और लगभग 90 फीट लंबी है। ये गुफा करीब 4000 मीटर की ऊंचाई पर है। गुफा में शिवलिंग पूरी तरह प्राकृतिक रूप से निश्चित समय के लिए ही बनता है। यहां श्रीगणेश, पार्वती और भैरव के हिमखंड भी बन जाते हैं।