जैसे ही नवरात्र शुरू होते हैं हम उस नौ दिन मां दुर्गा के अलग अलग रूपों की उपासना में लग जाते हैं। हर वो कोशिश करते हैं कि हम उन्हें प्रसन्न कर सकें। इस दौरान उनसे जुड़ी अलग अलग कहानियां सुनने को मिलती हैं जो हमें अचंभित करती हैं और हैरान भी। तो आज मां दुर्गा से जुड़ी एक ऐसी ही कहानी है जो हम आपको बताने जा रहे हैं। आज हम एक विशेष पर्वत की बात कर रहे हैं जिसका संबंध असुर महिष्सासुर से है। मान्यता है कि इसी जगह पर मां भवानी ने उस असुर का वध किया था। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां पर उस असुर के कटे हुए सिर की उपासना भी होती है।
जैसे ही नवरात्र शुरू होते हैं हम उस नौ दिन मां दुर्गा के अलग अलग रूपों की उपासना में लग जाते हैं। हर वो कोशिश करते हैं कि हम उन्हें प्रसन्न कर सकें। इस दौरान उनसे जुड़ी अलग अलग कहानियां सुनने को मिलती हैं जो हमें अचंभित करती हैं और हैरान भी। तो आज मां दुर्गा से जुड़ी एक ऐसी ही कहानी है जो हम आपको बताने जा रहे हैं। आज हम एक विशेष पर्वत की बात कर रहे हैं जिसका संबंध असुर महिष्सासुर से है। मान्यता है कि इसी जगह पर मां भवानी ने उस असुर का वध किया था। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां पर उस असुर के कटे हुए सिर की उपासना भी होती है।