आखिर 26 जनवरी को लाल किले से झण्डा क्यों नहीं फहराते देश के  प्रधानमंत्री?

आखिर 26 जनवरी को लाल किले से झण्डा क्यों नहीं फहराते देश के प्रधानमंत्री?

Published : Jan 20, 2020, 07:40 PM ISTUpdated : Jan 20, 2020, 07:46 PM IST

वीडियो डेस्क। देशभर में हो रहे सीएए के प्रोटेस्ट के बीच एक तस्वीर जमकर वायरल हो रही है। जिसमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में लिखा गया है। तस्वीर में लिखा है कि अगर मोदी जी इतनी नफरत मुसलमानों से है तो आने वाली 26 जनवरी को भाषण अयोध्या से दे दो लालकिला मुसलमानों का है। इंकलाब जिंदाबाद। 

वीडियो डेस्क। देशभर में हो रहे सीएए के प्रोटेस्ट के बीच एक तस्वीर जमकर वायरल हो रही है। जिसमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में लिखा गया है। तस्वीर में लिखा है कि अगर मोदी जी इतनी नफरत मुसलमानों से है तो आने वाली 26 जनवरी को भाषण अयोध्या से दे दो लालकिला मुसलमानों का है। इंकलाब जिंदाबाद। 
लेकिन क्या आपको पता है प्रधानमंत्री 26 जनवरी को लालकिले की प्राचीर से ध्वाजरोहण नहीं कर रहे हैं। जी हां आपने सही सुना, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राजपथ पर गणतंत्र दिवस पर झण्डा फहराएंगे। जैसा कि हर साल होता आया है।  जी हां स्वतंत्रता दिवस यानि कि 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर से ध्वजारोहण करते है...धव्जा फहराते नहीं है। और 26 जनवरी को देश के राष्ट्रपित राजपथ पर झण्डा फहराते हैं। 15 अगस्त 1947 को हम स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं जबिक 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ था और इस दिन हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं...राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख होते हैं। इसलिए गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं। 1950 से पहले आजाद भारत का न तो कोई संविधान था और न ही कोई राष्ट्रपति था।
आपको स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस से जुड़ी एक और रोचक बात बताते हैं. स्वस्त्रंता दिवस पर ध्वजा रोहण किया जाता है और 26 जनवरी यानि कि गणतंत्र दिवस को झण्डा फहराया जाता है। अगर आप सोच रहे हैं कि दोनों का मतलब एक ही है तो आपको बता दें कि दोनों का मतलब बिल्कुल अलग है। दरअसल 15 अगस्त के दिन झंडा नीचे रहता है। झण्डे को नीचे बंधी रस्सी से खींचकर ऊपर ले जाया जाता है और फिर प्रधानमंत्री उस रस्सी को खींच कर ध्वजा रोहण करते हैं। इस पूरी प्रक्रिया को ध्वजारोहण यानि कि flag hoisting कहते हैं। जबिक गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी पर झंडा पहले ही ऊपर रहता है बस राष्ट्रपति द्वारा उसे खोलकर फहराया जाता है। इस प्रक्रिया को कहते हैं flag Unfurling  यानि कि झण्डा फहराना कहते हैं।
15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री अपना संबोधन करते हैं जबकि गणतंत्र दिवस पर किसी का संबोधन नहीं होता है। 26 जनवरी पर सैनिकों, अर्धसैनिक बलों लंबी परेड होती है। गणतंत्र दिवस समारोह के जरिए देश जल, थल और नभ में अपनी सैन्य ताकत और सांस्कृति की झलक का प्रदर्शन करता है।
 

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