कोई व्यक्ति भारत में गैरकानूनी जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश कर रहा है तो उसकी लोकेशन और पहचान जानकर उसे वहीं बंद कर दिया जाएगा और ये सब ऑटोमैटिकली एक डिवाइस के जरिए होगा।
विकिपीडिया सहित दूसरे कई प्रोजेक्ट्स को चलाने वाले नॉन प्रोफिट ग्रुप विकिमीडिया फाउंडेशन ने भारत सरकार से देशों के बीच होने वाले मध्यस्थ नियमों के तहत प्रस्तावित बदलावों पर पुनर्विचार करने की गुहार लगाई है। कहा गया कि, यह कंपनियों की बॉन्डिंग और आधे बिलियन से ज्यादा ऑनलाइन जानकारी प्राप्त करने वाले सिस्टम को प्रभावित करेगा।
भारत ने पिछले साल मध्यस्थ नियमों में बदलाव का प्रस्ताव दिया था और आने वाले महीनों में इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इस प्रस्ताव के तहत, भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय को एक इंटरमीडियरी एप की जरूरत होगी जिसके लिए हर जगह स्थानीय कार्यालय बनाए जाएंगे। इसमें 5 मिलियन से ज्यादा यूजर्स की सेवाओं के लिए स्थानीय कार्यालय में एक वरिष्ठ कार्यकारी नियुक्त किया जाएगा जो कोई भी कानूनी और गैर-कानूनी समस्या को देखेगा।
भारत में मध्यस्थ नियमों की बात करें तो नए बदलावों के तहत इंटरनेट पर मौजूद बिचौलियों को पहचान कर गैरकानूनी जानकारी या सामग्री इकट्ठा ऑटोमैटिकली उनकी सार्वजनिक पहुंच बंद कर दी जाएगी। ऐसा एक डिवाइस बनाया जा रहा है। मान लीजिए कोई व्यक्ति भारत में गैरकानूनी जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश कर रहा है तो उसकी लोकेशन और पहचान जानकर उसे वहीं बंद कर दिया जाएगा और ये सब ऑटोमैटिकली एक डिवाइस के जरिए होगा।
इस प्रस्ताव के लिए भारत में गूगल और फेसबुक जैसे कई बिजनेस ग्रुप्स ने भी बड़े बदलावों का सुझाव दिया है।