मोदी जी ने सोच-समझकर चीनी राष्ट्रपति को बुलाया महाबलीपुरम, यहां पत्थर भी दिखाते हैं चमत्कार

Published : Oct 11, 2019, 11:13 AM IST
मोदी जी ने सोच-समझकर चीनी राष्ट्रपति को बुलाया  महाबलीपुरम, यहां पत्थर भी दिखाते हैं चमत्कार

सार

चीन और भारत के बीच होने वाला दूसरा अनौपचारिक सम्मेलन जो 11 और 12 अक्टूबर को है, उसके लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत आएंगे। प्रधानमंत्री मोदी और जिनपिंग के बीच ये सम्मेलन तमिलनाडू के महाबलीपुरम में होगी।   

महाबलीपुरम: भारत के पीएम और चीन के राष्ट्रपति के बीच की इस मुलाक़ात से सवाल ये उठता है कि दिल्ली-मुंबई और बाकी मेट्रो सिटीज को छोड़ कर इस जगह को क्यों चुना गया। बताया जाता है कि चीन और भारत के हजारों साल पुराने व्यापारिक संबधों के निशान यहां मिलते हैं। ये कोई मामूली सी जगह नहीं बल्कि एक बहुत सुंदर जगह है। आइए आपको यहां की खास जगहों के बारे में बताते हैं।

महाबलीपुरम जो ममल्लापुरम के नाम से भी जाना जाता है, एक बेहद खूबसूरत जगह है। ये टूरिस्ट्स के लिए एक बड़ा अट्रेक्शन काफी समय से बना हुआ है। यहां पर हिंदू पुराणों से जुड़े कई निशान मिलते हैं। यहां पर समुद्र, पहाड़, तराशे गए पत्थरों के साथ ही यहां पर और भी आकर्षण मौजूद हैं, जिन्हें अब हेरिटेज साइट्स का दर्जा मिल चुका है।

1. अर्जुन की तपस्या
अर्जुन की तपस्या नाम की इस जगह पर हिंदू ग्रंथों और कहानियों से जुड़े कई निशान मिलते हैं। यहां पत्थरों पर नक्काशी कर ऐसा युगों पुराना एक दृश्य दिखाया गया है कि अर्जुन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या कर रहे हैं। इतनी सुंदर नक्काशी में समय की चीजों का दिखाई पड़ रही है। हाथी-घोड़े, देवों की छवियों को बहुत खूबसूरती से उकेरा गया है। इसकी ऊंचाई 43 फीट है और चौड़ाई 100 फीट की है और ये यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट है। ये टूरिस्ट्स के लिए बहुत बड़ा आकर्षण है।

2. बीच
महाबलीपुरम का एक सबसे बड़ा टूरिस्ट अट्रेक्शन वहां के समुद्री तट भी हैं। कम से कम 20 किमी का तटीय इलाका इससे जुड़ा हुआ है। महाबलिपुरम और पल्लव बीच आपको शांति का एहसास कराएंगे और आप वहां प्रकृति से जुड़ा हुआ महसुस करेंगे। बीच पर आप अलग-अलग स्पोर्ट्स का मजा ले सकते हैं। ये बीच बच्चो और बड़ो सभी के लिए काफी अच्छे हैं। आप वहां सर्फिंग, विंडसर्फिंग, काइटसर्फिंग जैसे स्पोर्ट्स एंजोय कर सकते हैं।

3. थिरूकडलमल्लै  
यहां के एक मंदीर में सुंदर कलाकृति देखने को मिलती है। ये मंदीर पल्लव राजाओं के राज के दौरान लगभग 6वीं से 8वीं शताब्दी में बनाया गया था। ये स्थालाशयणा पेरुमल मंदीर उन 108 मंदीरों में से एक है जो भगवान विष्णु को समर्पित हैं। इन पर जो कारीगरी है वो ड्रविडियन-पल्लव आर्किटेक्चर स्टाइल से हुई है। यहां पर आपको सफेद गोपुराम मंदिर जरूर देखना चाहिए वो बहुत सुंदर मंदिर है और बाकी सब से अलग भी है।    

4. क्रॉकोडाइल फार्म
एतिहासिक और प्राकृतिक धरोहर होने के साथ ही यहां काफी कुछ नया और अलग देखने को मिलता है। ऐसी ही एक जगह है। क्रॉकोडाइल बैंक, जहां मगरमच्छों और घड़ीयालों की अलग-अलग प्रजातियां देखने को मिलती हैं जैसे इंडियन और अफ्रीकन। यहां इनके अलावा सांप और कछुएं भी देखने को मिलते हैं। अगर आप महाबलीपुरम जाएं तो इसे जरूर विजिट करें, यहां आकर आपको काफी अच्छा लगेगा।

5. कृष्णा की बटरबॉल
ये एक बहुत सुंदर जगह है। यहां पर एक अलग ही खूबसूरती देखने को मिलती है। एक बड़ी सी ग्रेनाइट का पत्थर रखा है और ये यहां की सबसे आकर्षक जगहों में से एक है। इस जगह पर इस पत्थर को सात हाथियों की मदद से 1200 साल पहले रखा गया था और ये एक छोटे से स्लोप पर रखा गया है। लेकिन ये सवाल हमेशा बना रहता है कि आखिर इतने साल से पत्थर इतने एक ही जगह कैसे टिका हुआ है।

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