भारत में विजयादशमी के दिन रावण दहन किया जाता है। इसे बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है। रावण को बुराई की मूरत माना जाता है। लेकिन आपको बता दें भारत में कई इलाके ऐसे हैं, जहां रावण को पूजा भी जाता है। इतना ही नहीं, यहां तो एक गांव का नाम ही रावण है।
एमपी: पूरी दुनिया जहां रावण दहन कर बुराई का संहार करती है, वहीं इसी देश में ऐसी कुछ जगहें हैं, जहां रावण की पूजा की जाती है। इन जगहों पर रावण दहन नहीं किया जाता है। ये लोग रावण की पूजा करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा गांव है, जिसका नाम ही रावण है।
बिना आशीर्वाद के नहीं करते कोई काम
ये गांव है एमपी के विदिशा जिले में। इस गांव का नाम ही रावण है। इस गांव में रावण की अन्य देवताओं के साथ पूजा की जाती है। इतना ही नहीं, इन लोगों के लिए रावण इतने पूजनीय हैं कि ये लोग कोई भी शुभ काम करने से पहले रावण की मूर्ति के सामने दंडवत प्रणाम कर शुरुआत करते हैं।
धूमधाम से मनाते है दशहरा
इस गांव में धूमधाम से दशहरा मनाया जाता है। लेकिन रावण दहन नहीं होता है। उसकी जगह भंडारा करवाया जाता है। यहां रावण को रावण बाबा के नाम से जाना जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस गांव में रावण को इतनी इज्जत क्यों दी जाती है?
प्रचलित है ये कहानी
इस गांव के लोगों के बीच एक किंवदंती मशहूर है। कहा जाता है कि पुराने समय में गांव के पास एक पहाड़ी पर एक राक्षस रहता था। इस राक्षस को कोई नहीं हरा पाता था, सिवाय रावण के। कहा जाता है कि जब राक्षस रावण के सामने जाता था, तो उसकी ताकत कम हो जाती थी। इस बात का पता जब गांव वालों को चला, तो उन्होंने गांव में रावण की बड़ी मूर्ति बना दी। जिसके बाद राक्षस गांव में नहीं आया।
काफी पूजनीय है रावण
इस गांव में रावण काफी पूजनीय है। यहां जब भी कोई नई गाड़ी खरीदता है तो उसपर लंकेश बाबा की जय जरूर लिखवाता है। कहा जाता है कि ऐसा नहीं करने पर गाड़ी का एक्सीडेंट हो जाता है।