West Bengal Election: 7वें फेज में 34 सीटों के लिए सोमवार को होगा मतदान, भवानीपुर की सीट पर सबकी नजर
पश्चिम बंगाल में 7वें फेज में सोमवार को मतदान होगा। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर चुनाव आयोग ने वोटिंग से 72 घंटे पहले प्रचार मुहिम पर रोक लगा दी थी। इस फेज में 34 सीटों के लिए वोटिंग होगी। इन सीटों पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के गढ़ भवानीपुर की सीट भी शामिल है।
Asianet News Hindi | Published : Apr 25, 2021 10:07 AM IST / Updated: Apr 26 2021, 07:08 AM IST
कोलकाता, पश्चिम बंगाल. पांच राज्यों तमिलनाडु, असम, केरल, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल में चुनावी दंगल अब समाप्ति की ओर है। बंगाल को छोड़कर बाकी चारों राज्यों में वोटिंग हो चुकी है। बंगाल में भी सोमवार को 7वें फेज की वोटिंग के बाद सिर्फ आखिरी फेज के चुनाव बचेंगे।7वें फेज में 34 सीटों के लिए वोटिंग होगी। इसमें मालदा (भाग एक), कोलकाता दक्षिण, मुर्शिदाबाद (भाग एक), पश्चिम वर्द्धमान (भाग एक) और दक्षिण दिनाजपुर जिलों की इन सीटों के लिए कुल 86,78,221 मतदाता मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इनमें 44,44,634 पुरुष, 42,33,358 महिलाएं और 229 थर्ड जेंडर हैं।
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मुर्शिदाबाद और पश्चिम वर्द्धमान जिलों की 9-9, दक्षिण दिनाजपुर और मालदा जिलों की 6-6 तथा कोलकाता दक्षिण की 4 विधानसभा क्षेत्रों में वोटिंग के लिए 12,068 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। वोटिंग सुबह सात बजे से शाम साढ़े छह बजे तक होगी। इन सीटों पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के गढ़ भवानीपुर की सीट भी शामिल है। ममता बेशक इस बार नंदीग्राम से चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन भवानीपुर से उन्होंने अपने करीबी सोवनदेब चट्टोपाध्याय को मैदान में उतारा है। उनका मुकाबला भाजपा के रुद्रनील घोष से है, जो एक अभिनेता भी हैं। समसेरगंज और जंगीपुर में दो उम्मीदवारों के निधन के बाद चुनाव स्थगित कर दिया गया है। यहां अब 16 मई को चुनाव होगा।
यहां पहले फेज में 27 मार्च को 30 सीट, 1 अप्रैल को दूसरे फेज में 30 सीट, तीसरे फेज में 6 अप्रैल को 31 सीटों और 10 अप्रैल को चौथे चरण में 44 सीटों, 17 अप्रैल के पांचवें चरण में 45 सीटों और 22 अप्रैल को छठवें चरण में 43 सीटों के बाद सातवें चरण में 26 अप्रैल को 36 सीटों और 29 अप्रैल को आठवें चरण में 35 सीटों पर वोटिंग होगी। रिजल्ट 2 मई को आएगा। बंगाल में मुख्य मुकाबला तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच है। ममता बनर्जी यहां पिछले 10 साल से सत्ता में काबिज हैं। इससे पहले 34 साल तक वामपंथियों ने सरकार चलाई।