French Presidential Election Results:इमैनुएल मैक्रों जीते, दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन हारी

फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम में फ्रांस के वर्तमान राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों अपने दूसरे कार्यकाल के लिए चुन लिए गए हैं। वह अपनी प्रतिद्वंद्वी मरीन ले पेन से काफी अंतर से जीते हैं। 

Dheerendra Gopal | Published : Apr 24, 2022 6:31 PM IST / Updated: Apr 25 2022, 01:33 AM IST

पेरिस। फ्रांस के राष्ट्रपति चुनावों के रिजल्ट आने शुरू हो गए हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति (French President) इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) रविवार को राष्ट्रपति चुनाव में दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन (Marine Le Pen)को हराकर दूसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति पद के लिए जीत चुके हैं। दो दशक बाद फ्रांस में कोई राष्ट्रपति अपने दूसरे कार्यकाल के लिए चुना गया है।
वोटों की गिनती के एक नमूने के आधार पर फ्रांसीसी टेलीविजन चैनलों के लिए मतदान फर्मों के अनुमानों के अनुसार, मैक्रों को अपने प्रतिद्वंद्वी ले पेन की तुलना में 57.6-58.2 प्रतिशत वोट प्राप्त कर चुके हैं। जबकि मरीन ले पेन 41.8-42.4 प्रतिशत पर हैं। 

मैक्रों ने दुबारा चुने जाने के लिए मतदाओं से की थी अपील

इमैनुएल मैक्रों ने दुबारा चुने जाने के लिए मतदाताओं से अपने पक्ष में वोट करने के लिए अपील की थी। मैक्रों ने कोरोना महामारी और यूक्रेन युद्ध की वजह से एक और मौका मांगा था। मतदाताओं ने मैक्रों को दुबारा मौका दे दिया है। करीब बीस साल बाद कोई राष्ट्रपति दुबारा चुना गया है। मैक्रॉन 2002 में जैक्स शिराक के बाद फिर से चुनाव जीतने वाले पहले फ्रांसीसी राष्ट्रपति होंगे, जब उनके पूर्ववर्ती निकोलस सरकोजी और फ्रेंकोइस ओलांद ने केवल एक कार्यकाल के बाद पद छोड़ दिया था। हालांकि, मैक्रां दुबारा राष्ट्रपति तो चुने गए हैं लेकिन इस बार उनका वोट प्रतिशत पिछली बार से काफी कम हैं। पिछले कार्यकाल में उनको 66 प्रतिशत लोगों ने वोट किया था। लेकिन इस बार प्रतिशत काफी नीचे आ चुका है। 

यूरोपीय संघ ने मैक्रों को चुनने के लिए अपील की थी

जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ सहित वामपंथी झुकाव वाले यूरोपीय संघ के नेताओं ने ले मोंडे अखबार में प्रकाशित एक असामान्य हस्तक्षेप में, अपने प्रतिद्वंद्वी पर मैक्रोन को चुनने के लिए वोट के लिए फ्रांस से अनुरोध किया था।

कई चुनौतियां होंगी मैक्रों के सामने

मैक्रोन एक कम जटिल दूसरे कार्यकाल की उम्मीद कर रहे होंगे जो उन्हें विरोधों, फिर महामारी और अंत में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण द्वारा छायांकित पहले कार्यकाल के बाद अधिक व्यापार समर्थक सुधार और सख्त यूरोपीय संघ के एकीकरण के अपने दृष्टिकोण को लागू करने की अनुमति देगा। लेकिन उन्हें उन लोगों पर जीत हासिल करनी होगी जिन्होंने उनके विरोधियों का समर्थन किया और लाखों फ्रांसीसी जिन्होंने वोट देने की जहमत नहीं उठाई। आधिकारिक आंकड़ों के आधार पर, मतदान संगठनों ने अनुमान लगाया कि 28 प्रतिशत ने वोट देने से परहेज किया। यह 1969 के बाद से किसी भी राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे दौर के रन-ऑफ में सबसे अधिक है।

यह भी पढ़ें: 

PK के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच तेलंगाना में KCR की पार्टी का उनकी कंपनी IPAC से अनुबंध

जापानी कंपनी ने Covid-19 के खात्मे वाली बनाई दवा, ग्लोबली लांच होगी दवा, एक साल में 10 मिलियन प्रोडक्शन

IPL 2022 LSG vs MI: कप्तान लोकेश राहुल के नाबाद शतक से लखनऊ की जीत, 8th मैच हारी 5बार की चैंपियन मुंबई

Share this article
click me!