Ukraine पर हमले की आशंकाओं के बीच अब German Chancellor मनाएंगे Moscow को, कीव रूककर दिया नैतिक समर्थन

अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देशों ने अपने नागरिकों से देश (यूक्रेन) छोड़ने को कहा है। वहीं वाशिंगटन कीव स्थित अपने दूतावास से अपने ज्यादातर कर्मचारियों को वापस बुला रहा है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 14, 2022 3:06 PM IST

कीव। यूक्रेन (Ukraine) पर रूस के हमले (Russia invasion threat) को लेकर जताई जा रही आशंकाओं के बीच अब मध्यस्थता के लिए जर्मनी सामने आया है। जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ (Olaf Scholz) सोमवार को मास्को जाने के पहले यूक्रेन पहुंचे। मास्को पहुंच कर जर्मन चांसलर रूस के प्रेसिडेंट पुतिन (President Putin) से वार्ता करेंगे और यूक्रेन मसले पर सारी आशंकाओं को दरकिनार कर हल निकालने पर चर्चा करेंगे। दरअसल, अमेरिकी अधिकारियों ने आशंका जताई है कि रूस इसी सप्ताह हमला कर सकता है। हालांकि, मास्को ने ऐसी किसी भी योजना से इनकार किया है। 
 
लेकिन तैनात किए एक लाख से अधिक सैनिक

अमेरिका और पश्चिमी देशों की आशंकाओं पर मास्को लगातार यह कह रहा है कि उसकी यूक्रेन पर हमले की कोई योजना नहीं है लेकिन उसने यूक्रेन सीमा पर अभी तक करीब सवा लाख सैनिकों को तैनात कर दिया है। उधर, अमेरिका का मानना है कि रूस में थोड़े ही समय में वहां इतनी सैन्य शक्ति जमा कर ली है कि वह कभी भी हमला कर सकता है। 

हमले की आशंकाओं से विदेशी नागरिक छोड़ रहे यूक्रेन

रूस के यूक्रेन पर हमले की आशंकाओं से हर ओर डर का माहौल व्याप्त है। अमेरिका, जापान, सऊदी अरब समेत एक दर्जन देशों ने अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने को कह दिया है। वह अपने नागरिकों को सुरक्षित तरीके से जल्द से जल्द वापस लौटने की अपील कर रहे हैं।

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दूतावासों से कर्मचारियों को कम किया जा रहा

अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देशों ने अपने नागरिकों से देश (यूक्रेन) छोड़ने को कहा है। वहीं वाशिंगटन कीव स्थित अपने दूतावास से अपने ज्यादातर कर्मचारियों को वापस बुला रहा है। काला सागर में रूसी नौसैनिक अभ्यास के मद्देनजर यूक्रेन की हवाई यातायात सुरक्षा एजेंसी यूक्रारोरूक ने एक बयान जारी कर काला सागर के ऊपर के हवाई क्षेत्र को 'संभावित खतरे का क्षेत्र' बताया है और विमानों को 14 से 19 फरवरी के बीच वहां से उड़ान नहीं भरने की सलाह दी है।

कई सिविल एविएशन कंपनियों ने किया उड़ान रद्द

किसी भी वक्त युद्ध शुरू होने के डर के बीच कुछ विमानन कंपनियों ने यूक्रेन की राजधानी के लिए अपनी उड़ानें रद्द कर दी हैं। वहीं नाटो के सदस्य देशों ने रविवार को हथियारों की नयी खेप वहां उतारी है।

जर्मनी ने किया रूस से डीस्केलेशन की मांग

स्कोल्ज़ ने कीव के लिए उड़ान भरने से पहले भी ट्वीट किया कि जर्मनी रूस से डीस्केलेशन के तत्काल संकेतों की मांग कर रहा था। उधर, व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन और यूक्रेनी नेता ज़ेलेंस्की ने रविवार को फोन पर बातचीत की है। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि नैतिक समर्थन के प्रदर्शन में बाइडेन से कीव का दौरा करने का भी आग्रह किया था।

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