ईरान: क्यों अपने बाल काट रही महिलाएं, सरेआम जला रहीं हिजाब; कहीं इसके पीछे ये वजह तो नहीं?

ईरान की राजधानी तेहरान में हिजाब न पहनने पर 22 साल की एक लड़की महसा अमीनी की पुलिस कस्टडी में हुई मौत के बाद पूरे देश में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। महिलाओं अपने बाल काट उसके वीडियो शेयर कर ही हैं। हिजाब को सरेआम जलाते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी हो रही है।

Asianet News Hindi | Published : Sep 21, 2022 2:00 PM IST / Updated: Sep 21 2022, 07:32 PM IST

Iran Hijab Row: ईरान एक बार फिर सुलग उठा है। वजह है हिजाब। दरअसल, राजधानी तेहरान में हिजाब न पहनने पर 22 साल की एक लड़की महसा अमीनी की पुलिस कस्टडी में हुई मौत के बाद पूरे देश में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। महिलाओं अपने बाल काट उसके वीडियो शेयर कर ही हैं। हिजाब को सरेआम जलाते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी हो रही है। विरोध-प्रदर्शन के चलते अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन बावजूद इसके मानो महिलाओं ने अब हिजाब से आजादी पाने की ठान ली है। ईरान में महिलाओं के बाल काटने और हिजाब जलाने के पीछे कहीं न कहीं 43 साल पुराना इतिहास है। आइए जानते हैं इसके बारे में। 

कभी दूसरे देशों की तरह ईरान में भी था खुलापन : 
1980 से पहले ईरान में उतना ही खुलापन था, जितना बाकी पश्चिमी देशों में था। महिलाओं को अपनी पसंद के कपड़े पहनने की आजादी थी। वो पुरुषों के साथ घूम सकती थीं। लेकिन 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद ईरान पूरी तरह बदल गया। मार्च, 1979 में एक जनमत संग्रह हुआ। इसमें 98% से ज्यादा लोगों ने ईरान को इस्लामिक रिपब्लिक बनाने के लिए वोट दिया। इसके बाद ईरान का नाम 'इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ' ईरान हो गया। 
 
इस्लामिक क्रांति के बाद ईरान में शरिया : 
इस्लामिक क्रांति के बाद अयातुल्ला खोमैनी के हाथों में सत्ता आई। खोमैनी ने ईरान में शरिया कानून लागू करवा दिया। हालांकि, विपक्ष ने इसका विरोध किया लेकिन खोमैन ने साफ कर दिया कि ईरान में इस्लामिक कानून शरिया लागू होकर रहेगा। 

शरिया कानून के तहत लगी कई पाबंदियां : 
ईरान में शरिया कानून लागू होने के बाद वहां लोगों पर कई तरह की पाबंदियां लाद दी गईं। कट्टर इस्लामिक शरिया कानून के चलते पब्लिक प्लेस पर भी लोगों के व्यवहार पर नजर रखी जाती है। इसके साथ ही इस्लाम के खिलाफ व्यवहार करने पर लोगों को सख्त सजा का प्रावधान है। ईरान के शरिया कानून के मुताबिक, महिलाओं को बाल ढंकने और ढीले-ढाले कपड़े पहनने के लिए मना किया जाता है। ऐसा न करने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान है। 

क्या कहता है शरिया कानून?
- ईरान एक इस्लामिक देश है, जहां शरिया कानून लागू है। ईरान में 7 साल से बड़ी लड़की को बिना हिजाब के घर से बाहर निकलने की मनाही है। 
- इसके साथ ही लड़कियों को 7 साल के बाद लंबे और ढीले कपड़े पहनने पड़ते हैं। ईरान में कोई लड़की सार्वजनिक तौर पर किसी मर्द से हाथ नहीं मिला सकती है। 
- यहां तक कि ईरान की महिलाओं को पुरुष खेलों को देखने के लिए उन्हें स्टेडियम जाने की इजाजत भी नहीं होती। 
- महिलाएं हिजाब पहनें, इसके लिए वहां की सरकार ने मॉरल पुलिस का गठन किया है। यह पुलिस हिजाब के नियम को लागू करवाने के लिए कई बार लोगों पर बेइंतहा जुल्म करती है।

कानून तोड़ने पर मिलती है ये सजा?
ईरान में महिलाओं को हिजाब और बुर्का पहनना जरूरी है। ईरान में 60 साल तक की औरतों को बिना हिजाब बाहर निकलने पर जेल में डालने तक का अधिकार है। इतना ही नहीं, ईरान में हिजाब न पहनने पर 74 कोड़े मारने से लेकर 16 साल की जेल तक की सजा हो सकती है। 

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