भगोड़े नीरव मोदी को लंदन के कोर्ट से लगा झटका, आना पड़ेगा भारत, देना होगा 13 हजार करोड़ के घोटाले का हिसाब

भरोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) की याचिका ब्रिटेन के हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। इसके साथ ही नीरव के यूके से भारत लाए जाने का रास्ता साफ हो गया है। उसने प्रत्यर्पण रुकवाने के लिए याचिका लगाई थी।
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 9, 2022 1:16 PM IST / Updated: Nov 10 2022, 09:41 AM IST

लंदन। भरोड़े नीरव मोदी (Nirav Modi) को भारत लाने का रास्ता साफ हुआ है। 13,000 करोड़ रुपए के पीएनबी (पंजाब नेशनल बैंक) घोटाले का मुख्य आरोपी हीरा कारोबारी नीरव यूके (यूनाइटेड किंगडम) में है। उसे लंदन के वैंड्सवर्थ जेल में कैद कर रखा गया है। नीरव मोदी को भारत आकर घोटाले का हिसाब देना होगा।

भारत सरकार द्वारा नीरव को लाने के लिए प्रत्यर्पण की कार्रवाई की जा रही है। प्रत्यर्पण से बचने के लिए नीरव ने यूके के एक हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी है। इसके साथ ही नीरव को भारत लाने का रास्ता भी साफ हुआ है। 51 वर्षीय नीरव भारत में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी है। बहुचर्चित पीएनबी घोटाला सामने आने पर वह भारत से भाग गया था। 

कोर्ट ने 12 अक्टूबर को फैसला रख लिया था सुरक्षित
पीएनबी घोटाले की जांच भारत सरकार की कई एजेंसियों द्वारा की जा रही है। यूके के कोर्ट में नीरव ने मानसिक स्वास्थ्य के आधार पर भारत में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील की थी। रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि नीरव मोदी का प्रत्यर्पण "अन्यायपूर्ण या दमनकारी" नहीं होगा। प्रत्यर्पण के पक्ष में पिछले साल के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले के खिलाफ नीरव मोदी की याचिका पर अदालत ने 12 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

यह भी पढ़ें- अमेरिकी पॉलिटिक्स: भारत के साथ काम करने की इच्छा जताई, रूस को एनर्जी-सिक्योरिटी के लिहाज से गैर भरोसमंद बताया

नीरव मोदी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि ब्रिटेन से भारत के मित्रवत संबंध हैं। भारत के साथ ब्रिटेन की प्रत्यर्पण संधी है। भारत सरकार ने आश्वासन दिया है कि नीरव को मुंबई के आर्थर रोड जेल में रखा जाएगा। उसे सही इलाज मिलेगा। इसलिए यूके को भारत के प्रति अपने दायित्वों का सम्मान करना चाहिए। कोर्ट में नीरव ने अपने बचाव में तर्क दिया था कि वह अवसाद और आत्महत्या के जोखिम में था। भारत में उसके प्रति शत्रुतापूर्ण माहौल है। भारत में प्रत्यर्पण होने से उसकी सेहत खराब हो सकती है। नीरव मोदी की ओर से पेश वकील ने कोर्ट में कहा कि भारतीय मीडिया में उसके खिलाफ खबरें चलाई थी। लोगों ने उनके पुतले जलाए थे।

यह भी पढ़ें- इंडोनेशिया में होने वाले G20 समिट में दिखेगा हिमाचली आर्ट-कल्चर का जलवा, PM मोदी ले जा रहे अपने साथ ये गिफ्ट
 

Read more Articles on
Share this article
click me!