No Fault Divorce Law: ब्रिटेन में तलाक के लिए पति-पत्नी को अब एकदूसरे पर झूठे आरोप लगाने की जरूरत नहीं

Published : Apr 07, 2022, 04:35 PM IST
No Fault Divorce Law: ब्रिटेन में तलाक के लिए पति-पत्नी को अब एकदूसरे पर झूठे आरोप लगाने की जरूरत नहीं

सार

तलाक (Divorce) को लेकर ब्रिटेन (Britain) में नया कानून (New Law) लागू हुआ है। इस ऐतिहासिक कानून के आने के बाद अब वहां शादीशुदा जोड़े को तलाक लेने के लिए पार्टनर के खिलाफ झूठे और अनुचित आरोप लगाने की जरूरत नहीं होगी। इस कानून का नाम है नो फॉल्ट डाइवोर्स (No Fault Divorce Law)।

नई दिल्ली। ब्रिटेन ने तलाक कानून (Divorce Law in Britain) में नए और ऐतिहासिक सुधार की पहल की है। इसके तहत अब वहां ऐसे विवाहित जोड़े जो अपनी शादी और पार्टनर से किसी वजह से खुश नहीं हैं, वे बिना एकदूसरे पर दोषारोपण किए विवाह को खत्म कर सकेंगे। वैसे तो यह विधेयक वर्ष 2020 में पारित हुआ था, मगर बुधवार को यह कानून में तब्दील हो गया। यही नहीं, यह कानून अब ब्रिटेन के साथ-साथ वेल्स में भी मान्य होगा। 

इस ऐतिहासिक कानून का नाम है नो फॉल्ट डाइवोर्स (No Fault Divorce Law)। जी हां, इंग्लैंड में तलाक के इस नए कानून को बीते 50 वर्षों का सबसे बड़ा सुधारात्मक कदम बताया जा रहा है। इस कानून के आने के बाद ऐसे शादीशुदा जोड़े जो शादी तोड़ने यानी तलाक के लिए एक दूसरे पर अनुचित व्यवहार या गलत आरापों का सहारा लेते थे, अब उन्हें ऐसा झूठा दोष एकदूसरे पर लगाने की जरूरत नहीं होगी। 

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नो फॉल्ट डाइवोर्स का मतलब क्या 
बहरहाल, यह कानून ऐसे विवाहित, मगर तलाक के इच्छुक जोड़ों को बच्चों और उनके वित्तीय मदद तथा फ्यूचर को देखते हुए अहम फैसलों पर फोकस करने की इजाजत देता है। नो फॉल्ट डाइवोर्स का अर्थ है एक पति या पत्नी को भविष्य में तलाक हासिल करने के लिए अब एकदूसरे पर व्याभिचार, परित्याग या अनुचित व्यवहार का दोषी साबित करने की जरूरत नहीं होगी। 

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अब झूठे आरोप लगाने की जरूरत नहीं होगी 
बता दें कि इससे पहले, तलाक लेने के लिए ऐसे आधार साबित करने पड़ते थे। इसके बिना तलाक की इच्छा रखने वाले जोड़ों को दो साल तक मजबूरन साथ रहना पड़ता था। वहीं, एक पति या पत्नी में से किसी एक ने भी कार्यवाही पर आपत्ति जता दी तो पांच साल तक साथ रहने को मजबूर किया जाता था। हालांकि, नए कानून के बाद अब ऐसा कुछ करने की जरूरत नहीं होगी। नो फॉल्ट डाइवोर्स कानून बनने के बाद यह ब्रिटेन, वेल्स और स्कॉटलैंड में लागू होगा। इसके अलावा, अमरीका, आस्ट्रेलिया और जर्मनी में पहले ही ऐसी कानूनी प्रणाली लागू है। 

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टिनी ओवंस के केस से हुई पहल 
वर्ष 2018 में इंग्लैंड के सुप्रीम कोर्ट तलाक की लड़ाई हारने के बाद टिनी ओवंस ने इसमें सुधार के लिए एक कैंपेन शुरू किया था। वह जजों को यह नहीं समझा सके कि उनकी 40 साल की शादी अब क्यों खत्म होनी चाहिए। इस मामले में उनके पति ने उनकी ओर से लगाए गए अनुचित व्यवहार का कड़ा विरोध किया था। हालांकि, तब जजों ने कहा था कि ऐसे में विवाह में रहना तलाक का आधार नहीं हो सकता। हालांकि, तब टिनी ने दलील दी थी कि जब शादीशुदा जिंदगी में प्रेम ही नहीं है, तो उसे क्यों निभाया जाए। 

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