दुनिया में सबसे पहले ओमीक्रोन वेरिएंट साउथ अफ्रीका (South Africa) में मिला था। इसके बाद यह हांगकांग (Hong Kong) गया। ब्रिटिश सरकार ने नवंबर के अंत से 11 अफ्रीकी देशों को अपनी रेड लिस्ट में जोड़ दिया।
लंदन। ब्रिटेन ने COVID-19 के नए वेरिएंट ओमीक्रोन (Omicron) की वजह से ट्रेवेल लिस्ट में रेड मार्क में रखे गए सभी 11 देशों पर से प्रतिबंध को हटा दिया है। अब ब्रिटिश सरकार (British Government) की ट्रेवेल रेड लिस्ट (travel red list) से सभी 11 देशों के नाम नहीं होंगे। सरकार यह फैसला ओमीक्रोन के दुनिया के करीब-करीब हर देशों में फैलने की वजह से लिया है। ब्रिटिश सरकार का मानना है कि ओमीक्रोन का कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो चुका है।
दक्षिण अफ्रीका में केस मिलने पर आनन फानन में प्रतिबंध
दरअसल, दुनिया में सबसे पहले ओमीक्रोन वेरिएंट साउथ अफ्रीका (South Africa) में मिला था। इसके बाद यह हांगकांग (Hong Kong) गया। ब्रिटिश सरकार ने नवंबर के अंत से 11 अफ्रीकी देशों को अपनी रेड लिस्ट में जोड़ दिया। रेड लिस्ट में शामिल होने से केवल ब्रिटेन के नागरिकों या उन देशों से आने वाले निवासियों को ही अंदर जाने की अनुमति थी। साथ ही इनको आईसोलेट रहना पड़ता।
ब्रिटिश हेल्थ सेक्रेटरी साजिद जाविद (Sajid Javid) ने कहा कि अब जब यूके में ओमीक्रोन का सामुदायिक प्रसारण हो रहा है और ओमीक्रोन दुनिया भर में इतना व्यापक रूप से फैल गया है तसे ट्रेवेल रेड लिस्ट का प्रभाव कुछ रह नहीं गया है।
बुधवार से इन 11 देशों को लिस्ट से बाहर किया गया
ब्रिटेन ने 11 देशों को ट्रेवेल रेड लिस्ट से हटाया है। जिन देशों को लिस्ट से हटाया जाएगा उनमें अंगोला, बोत्सवाना, एसवंतिनी, लेसोथो, मलावी, मोज़ाम्बिक, नामीबिया, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, जाम्बिया और ज़िम्बाब्वे शामिल हैं। हालांकि, ब्रिटेन को अभी भी सभी इनबाउंड यात्रियों को प्रस्थान से अधिकतम 48 घंटे पहले पीसीआर या रैपिड लेटरल फ्लो टेस्ट लेने की आवश्यकता होगी।
एयरलाइन्स पर पड़ रहा था आर्थिक बोझ
दरअसल, ट्रेवेल कंपनियों ने सरकार से जल्द से जल्द प्रतिबंधों को कम करने का आग्रह किया था। लंदन के हीथ्रो हवाईअड्डे ने पिछले सप्ताह कहा था कि प्रतिबंधों की चिंताओं के कारण उच्च स्तर के व्यापारिक यात्राओं को लोग रद्द कर रहे हैं।
ट्रेवेल एसोसिएशन ABTA के मुख्य कार्यकारी मार्क टैंजर ने रेड लिस्ट को हटाने का स्वागत किया लेकिन कहा कि परीक्षण को भी खत्म कर दिया जाना चाहिए था।
यात्रियों पर पड़ रहा आर्थिक बोझ
रेड लिस्ट वाले देशों से आने वालों को सरकार द्वारा स्वीकृत होटलों में क्वारंटाइन के लिए हजारों पाउंड का भुगतान करना पड़ा है। कई लोगों ने अपने ठहरने की लागत और शर्तों के बारे में सोशल मीडिया पर शिकायत की है। कमरों की कमी के कारण कुछ लोग विदेश में फंसे हुए हैं और होटलों में जगह उपलब्ध होने का इंतजार कर रहे हैं।
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