पाकिस्तान में आर्मी हेलीकॉप्टर क्रैश: दो मेजर सहित छह सैन्य अधिकारियों की मौत

सोमवार को पाकिस्तानी आर्मी ने हादसे की जानकारी दी है। लेकिन माना जा रहा है कि बलूचिस्तान में हुआ हेलीकॉप्टर क्रैश किसी आतंकी हमले की वजह से हुई। दरअसल, बचूलिस्तान क्षेत्र में आजादी की मांग लगातार उठती रहती है। आए दिन सेना के जवानों को निशाना बनाया जाता रहा है।

Dheerendra Gopal | Published : Sep 26, 2022 3:32 PM IST / Updated: Sep 26 2022, 09:09 PM IST

Pakistan Army Helicopter crash: पाकिस्तान में सेना का एक हेलीकॉप्टर बलूचिस्तान में क्रैश हो गया है। इस हेलीकॉप्टर हादसा में दो मेजर सहित छह सैनिकों की मौत हो गई है। इस क्षेत्र में सेना के कई हेलीकॉप्टर्स पूर्व में भी क्रैश हो चुके हैं। बीते अगस्त में भी एक हेलीकॉप्टर के क्रैश होने से दो अफसरों समेत छह आर्मीमेन की मौत हो गई थी। सेना के हेलीकॉप्टर के क्रैश होने के बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शोक प्रकट किया है। उन्होंने शहीद हुए पाकिस्तानी सैनिकों के परिजन के प्रति संवेदना जताई है।

क्या है पूरा मामला?

पाकिस्तान में आर्मी का एक हेलीकॉप्टर रविवार की रात में फ्लाइंग मिशन पर निकला था। हेलीकॉप्टर संदिग्ध वजहों से क्रैश हो गया। उसमें दो पायलट्स के अलावा दो कमांडर और दो मेजर रैंक के अधिकारी सवार थे। क्रैश में सभी छह अधिकारियों की मौत हो गई। सोमवार को पाकिस्तानी आर्मी ने हादसे की जानकारी दी है। लेकिन माना जा रहा है कि बलूचिस्तान में हुआ हेलीकॉप्टर क्रैश किसी आतंकी हमले की वजह से हुई। दरअसल, बचूलिस्तान क्षेत्र में आजादी की मांग लगातार उठती रहती है। आए दिन सेना के जवानों को निशाना बनाया जाता रहा है।

राहत सामग्री पहुंचाने जा रहा सेना का हेलीकॉप्टर 1 August को हुआ क्रैश

बलूचिस्तान में ही पिछले महीने 1 अगस्त को सेना का एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। यह हेलीकॉप्टर पाकिस्तान के बलूचिस्तान में बाढ़ राहत सामग्री पहुंचाने जा रहा था। लेकिन अचानक से एटीसी से इसका संपर्क टूट गया। हादसा के बाद हेलीकॉप्टर में सवार सेना के छह अधिकारियों का शव बरामद किया गया। इस हादसे में पाकिस्तानी सेना के चर्चित अफसर लेफ्टिनेंट जनरल सरफराज अली मारे गए थे। हालांकि, मौसम की खराबी इस हादसे की वजह बताई गई थी। दरअसल, पाकिस्तान में बाढ़ से हालात काफी खराब हैं। बाढ़ से बलूचिस्तान समेत दर्जनों शहर प्रभावित हैं। हर तरफ भूख, तबाही का मंजर है। विदेशी मदद से देश की अर्थव्यवस्था किसी तरह चल रही है और राहत पहुंचाने का काम हो पा रहा है। राहत सामग्री पहुंचाने में सेना की मदद ली जा रही है।

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