कुलभूषण जाधव मामले में झुका पाकिस्तान, ऐसा मजबूर हुआ कि अब खुद के कानून में कर रहा बदलाव

कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान ने कदम उठाया है। जिसमें पाकिस्तान सरकार ने जाधव के मामले को सिविल कोर्ट में भेजने की तैयारी की है। इसके लिए पाकिस्तान सरकार ने आर्मी एक्ट में कई बदलाव करने का निर्णय लिया है।

Asianet News Hindi | Published : Nov 13, 2019 12:09 PM IST / Updated: Nov 13 2019, 05:40 PM IST

इस्लामाबाद. पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में इमरान खान सरकार बहुत जल्द बड़ा फैसला लेने जा रही है। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान सरकार द्वारा जाधव के मामले को सिविल कोर्ट में भेजने की तैयारी की गई है। इसके लिए पाकिस्तान सरकार ने आर्मी एक्ट में कई बदलाव करने का निर्णय लिया है। इस बदलाव के बाद जाधव को अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ सिविल कोर्ट में अपील करनी होगी। 

आर्मी कोर्ट में चल रहा केस 

पाकिस्तान के जेल में बंद कुलभूषण जाधव पर आर्मी कोर्ट में मुकदमा चलाया जा रहा है। आर्मी एक्ट के तहत ऐसे व्यक्तियों या समूह को जिसका मुकदमा आर्मी कोर्ट में चल रहा हो, उसे सिविल कोर्ट में अपील करने की इजाजत नहीं दी जाती है। लेकिन, कुलभूषण जाधव मामले को लेकर पाकिस्तान आर्मी कोर्ट के इस एक्ट में संशोधन करेगा। 

इंटरनेशनल कोर्ट में पाक को करना पड़ा था हार का सामना

गौरतलब है कि कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान को हाल में ही बड़ी शिकस्त मिली है। इंटरनेशनल जस्टिस कोर्ट के प्रेसिडेंट जज ने कहा कि इस मामले में पाकिस्तान ने वियना संधि के नियमों की अनदेखी की है। आईसीजे ने कहा कि इस गिरफ्तारी की सूचना भारतीय दूतावास को भी नहीं दी गई थी। यहां तक कि भारत के कई बार अपील के बाद भी कुलभूषण जाधव को काउंसुलर एक्सेस नहीं दिया गया।  आईसीजे के प्रेसिडेंट जज अब्दुलकावी यूसुफ ने संयुक्त राष्ट्र में बयान देते हुए कहा था कि पाकिस्तान ने वियना संधि के आर्टिकल 36 का उल्लंघन किया है। भारत हमेशा से कुलभूषण जाधव को कांसुलर एक्सेस देने की मांग करता रहा है, जिसे पाकिस्तान ने हर बार खारिज किया है।

आम नागरिक की तरह अपील का अधिकार मिलना चाहिए 

मार्च 2016 से पाकिस्तान में हैं जाधव पाकिस्तान ने जाधव को मार्च 2016 में पकड़ा था और अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने उन्हें भारतीय जासूस और आतंकवादी बताकर मौत की सजा सुनाई थी। जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि कुलभूषण जाधव को एक आम नागरिक की तरह ही अपील करने का अधिकार दिया जाना चाहिए।

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