इस मुस्लिम देश ने भारत को दी नसीहत, लेकिन अपने ही देश में बद से बदतर है महिलाओं की हालत

बराबरी के लिहाज से देखें तो इस्लामिक देश कतर में औरतों की हालत सबसे बदतर है। यहां महिलाओं के लिए काम करने वाले संगठनों का कहना है कि कतर सरकार ने इस्लामिक शरिया कानून को इतना ज्यादा कठोर बना दिया है कि सेक्शुअल असॉल्ट का शिकार हुई औरतों को ही दोषी ठहरा दिया जाता है।

Asianet News Hindi | Published : Jun 8, 2022 5:49 AM IST / Updated: Jun 08 2022, 11:21 AM IST

Women Rights in Qatar: इस्लामी देश कतर (Qatar) ने हाल ही में भारत और उसके सामान का विरोध किया। ये विरोध कथित तौर पर नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए विवादित बयान की वजह से था। बता दें कि कतर ने कुछ महीनों पहले तालिबान को भी नसीहत देते हुए कहा था कि हम भी एक इस्लामिक देश हैं और महिलाओं का सम्मान कैसे किया जाता है, ये हमसे सीखना चाहिए। हालांकि, भारत को नसीहत देने वाले कतर में महिलाओं की क्या स्थिति है, उसे देख आपका भी दिमाग चकरा जाएगा। 

1- जिस महिला से रेप होता है, वही होती है दोषी
बराबरी के लिहाज से देखें तो कतर में औरतों की हालत सबसे बदतर है। यहां महिलाओं के लिए काम करने वाले संगठनों का कहना है कि कतर सरकार ने इस्लामिक शरिया कानून को इतना ज्यादा कठोर बना दिया है कि सेक्शुअल असॉल्ट का शिकार हुई औरतों को ही आरोपी ठहरा दिया जाता है। वहीं, जिस शख्स पर यौन हिंसा का आरोप रहता है, वो पीड़ित बनकर छूट जाता है। कतर की कोर्ट में बस कोई मर्द इतना कह दे कि उसने महिला की मर्जी से यौन संबंध बनाए हैं तो वो छूट जाता है। लेकिन यही काम अगर कोई औरत करे तो उसे कोड़े से मारा जाता है। 

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2- जिना कानून: औरतों को अपनी बात कहने तक का हक नहीं 
कतर में जिना कानून है। इस कानून में महिलाओं को अपनी बात तक कहने का हक नहीं है। कतर में यौन हिंसा पीड़ितों के लिए समर्थन ना के बराबर है। बता दें कि एक ब्रिटिश महिला, जिसने कतर के एक मुस्लिम से शादी की थी। उसे बच्चा होने के बाद पति ने छोड़ दिया। लेकिन अब वो ब्रिटिश महिला कतर से अपने देश नहीं जा सकती। ऐसा इसलिए कि उसका पति उसे कतर से जाने की इजाजत नहीं दे रहा है। दोहा में रहने वाली इस महिला ने आरोप लगाया था कि यहां का समाज और कानून सिर्फ मर्दों के पक्ष में है। 

3- गैर शादीशुदा औरतों को इलाज के लिए भी लेनी पड़ती है इजाजत : 
कतर में एक ऐसा कानून भी है, जिसके तहत अगर कोई महिला शादीशुदा नहीं हैं और वह बीमार होने पर डॉक्टर के पास जाना चाहती है तो उसके लिए भी उसे घरवालों से इजाजत लेनी पड़ेगी। अगर महिला शादीशुदा है तो उसे अपनी शादी का सर्टिफिकेट और पति का आईकार्ड लेकर अस्पताल जाना होता है। अगर आप बिना घरवालों की इजाजत के अस्पताल गई हैं तो आपके घरवालों से शिकायत कर दी जाएगी। इसी तरह अगर कोई महिला प्रेग्नेंट है और उससे संबंधी जांच कराने अस्पताल पहुंचती है तो भी उसके पति से कन्फर्म करना पड़ता है। 

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