लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार सिगरेट पीने वालों के करीब रहने से कैंसर का शिकार होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही अनसेफ सेक्स को भी समय से पहले मौत की वजह कहा गया है।
वाशिंगटन। लैंसेट जर्नल में प्रकाशित स्टडी के अनुसार अगर आपका कोई करीबी दोस्त या परिवार का सदस्य धूम्रपान करता है तो आप कैंसर के शिकार हो सकते हैं। इसके साथ ही स्टडी में अनसेफ सेक्स को भी मौत की मुख्य वजहों में से एक बताया गया है।
ऐसे लोग जो खुद तो धूम्रपान नहीं करते, लेकिन धूम्रपान करने वाले के करीब रहते हैं और सिगरेट या अन्य तम्बाकू युक्त मादक पदार्थों के धुआं को सांस के माध्यम से अपने अंदर खींचते हैं उन्हें सेकंड हैंड स्मोकर कहा जाता है। स्टडी के अनुसार ऐसे लोग जो धूम्रपान करने वालों के करीब रहते हैं उन्हें कैंसर का शिकार होने का अधिक खतरा है। ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज, इंजरी एंड रिस्क फैक्टर्स (GBD) 2019 के स्टडी के नतीजों की शोधकर्ताओं ने जांच की। उन्होंने पाया कि कैसे 34 व्यवहारिक, मेटाबॉलिक, पर्यावरण और व्यावसायिक जोखिम कारकों के चलते लोग 23 प्रकार के कैंसर के शिकार हुए।
धूम्रपान और शराब है कैंसर की बड़ी वजह
स्टडी में पाया गया कि धूम्रपान, शराब का उपयोग और हाई बॉडी मास इंडेक्स कैंसर के तीन मुख्य वजह हैं। इसके बाद असुरक्षित यौन संबंध, हाई ब्लड सूगर, वायु प्रदूषण, एस्बेस्टस के संपर्क में आना, साबुत अनाज और दूध कम खाना और सेकेंड हैंड धूम्रपान शामिल हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि इन कारकों ने चलते 2019 में 37 लाख लोगों की मौत हुई।
वाशिंगटन विश्वविद्यालय में इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (आईएचएमई) के निदेशक क्रिस्टोफर मरे ने कहा कि यह अध्ययन बताता है कि कैंसर का बोझ एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती है। यह दुनिया भर में बढ़ रही है। धूम्रपान वैश्विक स्तर पर कैंसर के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार है।
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तंबाकू के धुएं में होते हैं सैकड़ों जहरीले रसायन
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार तंबाकू के धुएं में 7000 हजार से अधिक रसायन होते हैं, जिनमें सैकड़ों जहरीले रसायन होते हैं। इनमें लगभग 70 ऐसे हैं, जिनके चलते कैंसर हो सकता है। सेकेंड हैंड धूम्रपान बच्चों और वयस्कों में स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। यहां तक कि यह घातक भी हो सकता है। सीडीसी का कहना है कि 1964 के बाद से धूम्रपान न करने वाले लगभग 2.5 लाख लोग सेकेंड हैंड स्मोक के संपर्क में आने से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से मर चुके हैं।
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