श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने की घोषणा, इस सप्ताह नए पीएम को करेंगे नियुक्त

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapakse) ने कहा है कि इस सप्ताह वह नए प्रधानमंत्री और कैबिनेट को नियुक्त करेंगे। इसके बाद संविधान संसोधन किया जाएगा।

Asianet News Hindi | Published : May 11, 2022 4:51 PM IST

कोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapakse) ने बुधवार को घोषणा की कि वह इस सप्ताह नया प्रधानमंत्री और कैबिनेट नियुक्त करेंगे। राष्ट्र के नाम संबोधन में गोटाबाया ने कहा कि इस सप्ताह मैं एक प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल की नियुक्ति करूंगा जो संसद में बहुमत हासिल कर सकता है और देश के लोगों का विश्वास हासिल कर सकता है।

उन्होंने कहा कि नए प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल की नियुक्ति के बाद संविधान में 19वें संशोधन की सामग्री को अधिनियमित करने के लिए एक संवैधानिक संशोधन पेश किया जाएगा। यह संसद को और अधिक शक्तियां प्रदान करेगा। नई सरकार के प्रधानमंत्री को एक नया कार्यक्रम तैयार करने और इस देश को आगे ले जाने का अवसर प्रदान किया जाएगा। 

दरअसल, श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटाबाया के बड़े भाई और पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफा देने के बाद पिछले दो दिनों से कोई सरकार नहीं है। प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद सर्वदलीय अंतरिम सरकार बनाने का रास्ता तैयार हो गया है। राष्ट्रपति को संवैधानिक रूप से बिना कैबिनेट के देश चलाने का अधिकार है।

हिंसा को उचित नहीं ठहराया जा सकता 
इस सप्ताह की शुरुआत में देश में हुई हिंसा पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि 9 मई को जो हुआ वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था। राष्ट्रपति ने कहा कि हत्या, हमले, डराने-धमकाने, संपत्ति को नष्ट करने और उसके बाद की जघन्य कृत्यों की श्रृंखला को बिल्कुल भी उचित नहीं ठहराया जा सकता है। पुलिस महानिरीक्षक को जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि श्रीलंका पुलिस और सशस्त्र बलों को हिंसा करने वालों के खिलाफ कानून को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया गया है।

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आर्थिक संकट का सामना कर रहा श्रीलंका 
बता दें कि 1948 में ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। यह संकट विदेशी मुद्रा की कमी के कारण हुआ है। विदेशी मुद्रा की कमी के कारण श्रीलंका मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर सका, जिससे तीव्र आर्थिक संकट पैदा हो गया है और सामानों की कीमत बहुत अधिक बढ़ गई।

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