क्रूरता की हद: शादी समारोह में म्यूजिक बजाने पर 13 लोगों को उतारा मौत के घाट

अमरुल्लाह सालेह (Amrullah Saleh) ने इस अमानवीयता की जानकारी देते हुए बताया कि नेंगरहार प्रांत में किस तरह कत्लेआम मचाया गया है। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 31, 2021 3:21 AM IST

काबुल। अफगानिस्तान (Afghanistan) में मानवाधिकारों की जमकर धज्जियां उड़ाई ही जा रही हैं साथ ही अत्याचार की हदें भी तालिबान (Taliban) पार चुका है। एक शादी समारोह में तालिबानियों ने खुशियों को मौत के गम में बदल दिया। म्यूजिक बजाने से गुस्साएं तालिबानियों ने 13 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह (Amrullah Saleh) ने इस अमानवीयता की जानकारी देते हुए बताया कि नेंगरहार प्रांत में किस तरह कत्लेआम मचाया गया है। 

पूर्व उप राष्ट्रपति ने ट्विटर कर निंदा की

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अमरुल्लाह सालेह ने ट्विटर पर लिखा, 'तालिबान लड़ाकों ने नेंगरहार में एक शादी की पार्टी में म्यूजिक बजाने पर 13 लोगों की हत्या कर दी। हम सिर्फ निंदा करके अपना क्रोध व्यक्त नहीं कर सकते। 25 साल तक पाकिस्तान ने उन्हें अफगान संस्कृति को खत्म करने और हमारी धरती पर कब्जा करके ISI के कट्टर शासन की स्थापना के लिए ट्रेनिंग दी। जो अब अपना काम कर रहे हैं।' 

अमरुल्लाह सालेह ने कहा, 'तालिबान का क्रूर शासन लंबे समय तक नहीं चलने वाला। दुर्भाग्य से इस शासन के अंत तक अफगानिस्तान के लोगों को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।'

दुनिया को धता बता पाकिस्तान ने खोले अफगानी दूतावास

एक तरफ पूरी दुनिया अभी अफगानिस्तान में तालिबान शासन (Taliban Government) की मान्यता को लेकर पशोपेश में है तो दूसरी ओर पाकिस्तान (Pakistan) ने वैश्विक समुदाय को दरकिनार कर अफगानिस्तान का दूतावास इस्लामाबाद (Islamabad) में चालू करा दिया है। इस्लामिक अमीरात (Islamic Emirates) तालिबान के राजनयिकों (Diplomats)ने पाकिस्तान में अफगानिस्तान के मिशनों में काम करना शुरू कर दिया है। 

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में अफगान दूतावास और तीन प्रांतीय राजधानियों, कराची, पेशावर और क्वेटा में अफगान वाणिज्य दूतावास में तालिबान राजनयिकों ने काम करना शुरू कर दिया है। सरदार मुहम्मद शोकैब, जिन्हें मोसा फरहाद के नाम से भी जाना जाता है, ने इस्लामाबाद में अफगान दूतावास में पहले सचिव के रूप में कार्यभार संभाला है। तो हाफिज मोहिबुल्लाह ने पेशावर में काम करना शुरू कर दिया है। मुल्ला गुलाम रसूल को दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में तैनात किया गया है, जबकि तालिबान के एक अन्य वरिष्ठ नेता मुल्ला मुहम्मद अब्बास को कराची वाणिज्य दूतावास में नियुक्त किया गया है।

पाकिस्तान ने कहा-तालिबान को दी है दूतावास के लिए अनुमति

पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने तैनाती की अनुमति दी है। हालांकि, पाकिस्तान ने अभी तक तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है। काबुल में पाकिस्तान के राजदूत मंसूर खान के अनुसार तालिबान के अधिकारियों को वीजा पाकिस्तान ने जारी कर दिया है।

पाकिस्तान के राजदूत ने कहा, "ये वीजा मानवीय कार्यों के लिए अफगानिस्तान जाने वाले पाकिस्तानियों के लिए कांसुलर कार्य और वीजा सुविधाओं की सुविधा और पाकिस्तान में अफगान नागरिकों को सहायता प्रदान करने के लिए जारी किए गए हैं।वीजा जारी करने का मतलब मान्यता नहीं बल्कि सुविधा है।"

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