अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के एक कोचिंग सेंटर में 30 सितंबर को हुए आत्मघाती बम विस्फोट में 100 से ज्यादा स्टूडेंट की मौत हो गई। इसके विरोध में रविवार 2 अक्टूबर को महिला छात्रों ने पश्चिमी हेरात में रैलियां निकाली। इस दौरान तालिबानियों ने उन्हें रोकने के लिए बलपूर्वक हमला किया, जिसमें 35 लोग मारे गए और 80 से ज्यादा घायल हो गए।
काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के एक कोचिंग सेंटर में 30 सितंबर को हुए आत्मघाती बम विस्फोट में 100 से ज्यादा स्टूडेंट की मौत हो गई। इसके विरोध में रविवार 2 अक्टूबर को महिला छात्रों ने पश्चिमी हेरात में रैलियां निकाली। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने ‘नरसंहार बंद करो’ और ‘शिक्षा हमारा अधिकार है’ जैसे नारे लगाते हुए जमकर विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान तालिबानियों ने उन्हें रोकने के लिए बलपूर्वक हमला किया, जिसमें 35 लोग मारे गए और 80 से ज्यादा घायल हो गए। बता दें कि प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर अफगानिस्तान के शिया हजारा समुदाय की महिलाएं थीं।
तालिबानी कहर के वीडियो भी आए सामने :
बता दें कि अफगानिस्तान में महिलाओं का सरकार के तालिबानी फैसलों के खिलाफ बड़े स्तर पर प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर हवाई फायरिंग करती तालिबान सरकार के वीडियो भी सामने आ चुके हैं। हालांकि, महिलाएं पुलिस फायरिंग के बावजूद वहां से हटने का नाम नहीं ले रही थीं। सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें तालिबानी सेना का कहर साफ देखा जा सकता है।
महिलाओं को हटाने के लिए तालिबान ने बरसाई गोलियां :
इस वायरल वीडियो में तालिबानी सैनिक महिला प्रदर्शनकारियों से हाथापाई करते हुए महिला का बुर्का खींचते हुए नजर आ रहा है। वहीं, हेरात प्रांत में महिलाओं की रैली को तितर-बितर करने के लिए तालिबानी जमकर गोलियां बरसा रहे हैं। पिछले शनिवार को अफगानिस्तान की महिलाओं ने तालिबान द्वारा संचालित सरकार से बेहतर सुरक्षा की मांग को लेकर भी विरोध-प्रदर्शन किया। हालांकि तालिबानियों ने जबरन इस प्रदर्शन को खत्म करवा दिया था।
2 दो दिन पहले कोचिंग सेंटर पर हुआ था हमला :
बता दें कि आत्मघाती हमलावर ने शुक्रवार को काज कोचिंग सेंटर में खुद को बम से उड़ा लिया। इस हमले में कई युवा छात्रों की मौत हो गई, जो यूनिवर्सिटी के मॉक टेस्ट देने के लिए पहुंचे थे। विस्फोट काबुल के दशती बारची में हुआ, जो ज्यादातर घनी आबादी वाला इलाका है और यहां अल्पसंख्यक शिया हजारा समुदाय के लोग रहते हैं। बता दें कि काबुल में सिर्फ सितंबर महीने में ही 3 बम विस्फोटो हो चुके हैं, जिनमें करीब 134 लोगों की मौत हो चुकी है।
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