अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर का चीन पर दिखा असर, 29 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंची जीडीपी ग्रोथ

Published : Jan 17, 2020, 03:52 PM ISTUpdated : Jan 17, 2020, 04:48 PM IST
अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर का चीन पर दिखा असर, 29 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंची जीडीपी ग्रोथ

सार

चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2019 में 6.1 प्रतिशत रही है जो पिछले 29 साल में सबसे निचला स्तर है  

बीजिंग: चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2019 में 6.1 प्रतिशत रही है जो पिछले 29 साल में सबसे निचला स्तर है। घरेलू मांग के कमजोर रहने और अमेरिका के साथ 18 महीने तक चले व्यापार युद्ध के कारण दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है।

चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने शुक्रवार को आधिकारिक आंकड़े जारी किए। यह आंकड़े अमेरिका के साथ बहुप्रतीक्षित पहले चरण का व्यापार समझौता होने के एक दिन बाद आए हैं। 

व्यापार युद्ध पर विराम लग गया

इस समझौते से दोनों देशों के बीच 18 महीने से जारी व्यापार युद्ध पर विराम लग गया है। इस युद्ध के चलते दोनों देशों ने एक दूसरे के 500 अरब डॉलर मूल्य तक के निर्यात उत्पादों पर 25 प्रतिशत तक शुल्क लगा दिया था।

ब्यूरो के अनुसार चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2019 में 6.1 प्रतिशत रही जो 1990 के बाद का सबसे खराब प्रदर्शन है। हालांकि यह सरकार के 6 से 6.5 प्रतिशत के तय लक्ष्य के दायरे में रही है। बहरहाल, सरकार के नजरिए से देश की जीडीपी 2019 में 14,380 अरब डॉलर की हो गयी जो 2018 में 13,100 अरब डॉलर थी।

2017 में यह 6.8 प्रतिशत थी

वर्ष 2018 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 28 साल के निचले स्तर पर पहुंच गयी थी। यह 6.6 प्रतिशत रही थी। इससे पहले 2017 में यह 6.8 प्रतिशत थी। आंकड़ों के अनुसार 2019 में चीन की प्रति व्यक्ति व्यय योग्य आय 30,733 युआन (4,461.95 डॉलर) रही जो सालाना आधार पर 5.8 प्रतिशत अधिक है।

इसी तरह चीन में प्रति व्यक्ति उपभोक्ता व्यय सालाना आधार पर 5.5 प्रतिशत बढ़कर 2019 में 21,559 युआन (3143.44 डॉलर) हो गया है। चीन ने 2020 तक अपनी शहरी और ग्रामीण प्रति व्यक्ति आय को 2010 के मुकाबले दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।

वैश्विक स्तर पर आर्थिक वृद्धि की रफ्तार धीमी

हालांकि अर्थव्यवस्था के छह प्रतिशत से ऊपर रहने पर अधिकारियों को थोड़ी राहत मिली है, क्योंकि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने निर्देश दिया था कि अर्थव्यवस्था छह प्रतिशत से नीचे नहीं जानी चाहिए। जीडीपी वृद्धि दर के छह प्रतिशत से नीचे जाने को मनोवैज्ञानिक दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है।

ब्यूरो के अनुसार, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन ने 2019 की पहली तीन तिमाहियों में अपनी रफ्तार धीरे-धीरे खो दी थी और यह आखिरी के तीन महीनों में आकर छह प्रतिशत पर स्थिर हुई। ब्यूरो के आयुक्त निंग चिझे ने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था ने 2019 में वृद्धि की एक स्थिर रफ्तार को कायम रखा है।

उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह बात भी ध्यान में रखना चाहिए कि वैश्विक स्तर पर भी आर्थिक वृद्धि की रफ्तार धीमी है। निंग चिझे ने कहा कि अस्थिरता और जोखिम की कई वजहें हैं तथा अर्थव्यवस्था पर दबाव भी लगातार बढ़ रहा है।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

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