हिंसा के बीच बाइडेन की जीत पर लगी मुहर, ट्रम्प बोले- नतीजों से खुश नहीं, लेकिन 20 जनवरी को छोड़ दूंगा पद

अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि सुबह 4.15 बजे (भारतीय मानक समय) के अनुसार, ट्रम्प समर्थकों ने चार घंटे तक उत्पात मचाया। समाचार एजेंसी के मुताबिक, हंगामा होने के बाद कांग्रेस को अपनी कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। हालांकि कुछ देर बाद कार्यवाही फिर से शुरू हुई। लेकिन स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए वॉशिंगटन डीसी महापौर ने कर्फ्यू का ऐलान किया।

Asianet News Hindi | Published : Jan 7, 2021 2:02 AM IST / Updated: Jan 07 2021, 04:51 PM IST

वॉशिंगटन. अमेरिका में बुधवार को वॉशिंगटन डीसी की कैपिटल बिल्डिंग में हंगामे और हिंसा के बीच जो बाइडेन की जीत पर मुहर लग गई है। अमेरिकी संसद ने चुनाव नतीजों के स्वीकार कर लिया। इसके बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने बयान जारी कर हार स्वीकार कर ली। ट्रम्प ने कहा, उनके एतिहासिक और पहले राष्ट्रपति कार्यकाल का अंत है। मैं चुनाव नतीजों से असहमत हूं लेकिन 20 जनवरी को सत्ता का हस्तांतरण सही तरीके से हो जाएगा। 

कैपिटल बिल्डिंग में अमेरिकी कांग्रेस है और यह अमेरिकी सरकार की विधायी शाखा की सीट है। दरअसल, कैपिटल बिल्डिंग में अमेरिकी कांग्रेस इलेक्टोरल कॉलेज को लेकर बहस चल रही थी। इसी बहस के बाद प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन की जीत की ऑफिशियल और लीगल पुष्टि की जानी थी। इसी दौरान ट्रम्प समर्थकों ने हजारों की तादाद में प्रदर्शन शुरू कर दिया।

चार घंटे मचा उत्पाद
अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि सुबह 4.15 बजे (भारतीय मानक समय) के अनुसार, ट्रम्प समर्थकों ने चार घंटे तक उत्पात मचाया। समाचार एजेंसी के मुताबिक, हंगामा होने के बाद कांग्रेस को अपनी कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। हालांकि कुछ देर बाद कार्यवाही फिर से शुरू हुई। लेकिन स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए वॉशिंगटन डीसी महापौर ने कर्फ्यू का ऐलान किया। हंगामे में एक महिला सहित 4 लोगों की मौत हो गई। 

ट्रम्प समर्थकों को कंट्रोल कैसे किया?

पहले तो वहां के स्थानीय सुरक्षा गार्डों ने संभाला, लेकिन स्थिति बिगड़ती देख डीसी में मौजूद यूएस आर्मी की स्पेशल यूनिट को बुलाया गया। महज 20 मिनट में स्पेशल गार्ड्स् ने मोर्चा संभाला। यहां कुल 1100 स्पेशल गार्ड्स हिल के बाहर और अंदर तैनात हैं।

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ट्रम्प समर्थकों ने हंगामा क्यों किया?   

एक लाइन में जवाब है हार की वजह से। दरअसल, 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव हुआ था। बाइडेन को 306 और ट्रम्प को 232 वोट मिले थे। यानी साफ हो गया था कि अबकी बार ट्रम्प राष्ट्रपति नहीं बनेंगे। हालांकि ट्रम्प ने अपनी हार कबूल नहीं की। उन्होंने बार-बार आरोप लगाया कि काउंटिंग में धांधली हुई है। कई जगहों पर केस भी दर्ज कराया। हालांकि ज्यादातर जगहों पर अपील ही खारिज हो गई। बुधवार को काउंटिंग पूरी होती और बाइडेन की जीत पर मुहर लग जाती। लेकिन तभी हिंसा हुई। 

 

 

संसद पर हमले के बाद क्या हुआ?

 

बिल्डिंग के अंदर घुस गए ट्रम्प समर्थक

ट्रम्प समर्थक कैपिटल बिल्डिंग के अंदर घुस गए। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव रद्द करने की मांग की। उन्होंने हिंसा भी की। रोकने के लिए नेशनल गार्ड्स को एक्शन लेना पड़ा। 

गोलीबारी भी हुई, एक महिला की मौत

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिल्डिंग में फायरिंग की आवाज भी सुनी गई। अंदर एक महिला को गोली भी लग गई, जिसकी अस्पताल में मौत हो गई। मृतक महिला की पहचान अशली बैबिट (Ashli Babbitt) के रूप में हुई है।  बैबिट के पति ने पहचान की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि बैबिट एक सैनिक थी, जिसने वायु सेना के साथ उच्च स्तरीय सुरक्षा अधिकारी के रूप में काम किया। पति ने कहा कि बबेट ट्रम्प की कट्टर समर्थक थी। यह स्पष्ट नहीं है कि डीसी में बबेट को किसने गोली मारी। कैपिटल बिल्डिंग के पास विस्फोटक डिवाइस भी मिली है।   

फेसबुक और यूट्यूब ने ट्रम्प के वीडियो हटाए

फेसबुक और यूट्यूब ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एक वीडियो को हटा दिया, जिसमें वे यूएस कैपिटल में हिंसा के दौरान अपने समर्थकों को संबोधित कर रहे थे। 

 

 

कमला हैरिस ने ट्रम्प समर्थकों को पीछे हटने के लिए कहा

अमेरिका के उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनी गई कमला हैरिस ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थकों से अपील की कि वे यूएस कैपिटल से पीछे हट जाए। कमला हैरिस ने कहा कि ट्रम्प समर्थकों ने कैपिटल बिल्डिंग की सुरक्षा व्यवस्था को भंग किया है। उन्होंने ट्वीट किया, मैं कैपिटल और अपने देश के लोक सेवकों पर हमले के लिए बाइडेन के आह्वान में शामिल हूं, जिसमें उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के लिए काम को आगे बढ़ने दें। 

जो बाइडे ने कहा- ये तो राजद्रोह है
राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए जो बाइडेन ने घटना पर कहा कि मैं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से आह्वान करता हूं कि वह अपनी शपथ पूरी करें और संविधान की रक्षा करें और घेराबंदी को खत्म करें। मैं साफ कर दूं कि कैपिटल बिल्डिंग पर जो हंगामा हमने देखा हम वैसे नहीं हैं। ये कानून न मानने वाले अतिवादियों की छोटी सी संख्या है। बाइडेन ने इसे राजद्रोह करार दिया।

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