US H-1B Visa: डॉक्टरों को मिल सकती है वीजा शुल्क में छूट, व्हाइट हाउस कर रहा विचार

Published : Sep 22, 2025, 11:49 PM IST
Donald Trump

सार

अमेरिका अपने यहां H 1B Visa पर काम कर रहे डॉक्टरों को बढ़े हुए शुल्क से छूट दे सकता है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार व्हाइट हाउस में इस मुद्दे पर विचार किया जा रहा है। ट्रंप ने H-1B वीजा शुल्क बढ़ाकर 1 लाख डॉलर कर दिया है।

H-1B Visa: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा शुल्क बढ़ाकर 1 लाख डॉलर (88 लाख रुपए से अधिक) कर दिया है। इससे सबसे अधिक भारतीय प्रभावित हुए हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार अब व्हाइट हाउस डॉक्टरों को नए शुल्क से छूट देने पर विचार कर रहा है।

डॉक्टर और मेडिकल रेजिडेंट को मिल सकती है एच-1बी वीजा शुल्क में छूट

ब्लूमबर्ग ने सोमवार को व्हाइट हाउस के प्रवक्ता टेलर रोजर्स के एक ईमेल के हवाले से कहा, "यह घोषणा संभावित छूट की अनुमति देती है, जिसमें डॉक्टर और मेडिकल रेजिडेंट शामिल हो सकते हैं।"

H-1B वीजा पर डोनाल्ड ट्रंप ने लगाया है 1 लाख डॉलर फीस

ट्रंप द्वारा H-1B वीजा प्रोग्राम में बड़ा बदलाव किया गया है। H-1B वीजा आवेदनों पर 1 लाख डॉलर का भारी शुल्क लगाया गया है। इससे अमेरिका जाकर वहां की कंपनियों में विदेशी तकनीकी पेशेवरों के लिए काम करना कठिन हो गया है। नया शुल्क 21 सितंबर 2025 को रात 12.01 बजे से प्रभावी हो गया। ट्रंप ने जैसे ही शुल्क बढ़ाने की घोषणा की अमेरिका में काम करने वाले लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई।

बहुत से लोग दुर्गा पूजा के लिए अमेरिका से भारत आ रहे थे, वे विमानों से उतरने लगे। इसके चलते एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी की स्थिति बनी। दूसरी ओर भारत या किसी और देश गए H-1B वीजा वाले लोगों को 21 सितंबर 2025 को रात 12.01 बसे से पहले अमेरिका पहुंचना था। इसके लिए अमेरिका जाने वाले विमानों के टिकट के दाम बढ़ गए।

पहले H-1B वीजा पर कितना था फीस?

पहले H-1B वीजा फीस 2,000-5,000 डॉलर था। फीस बढ़ाए जाने से स्टार्टअप्स, छोटे व्यवसायों और भारतीय आईटी पेशेवरों पर इसके प्रभाव को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। इससे पहले, भारत सरकार ने एच-1बी वीजा शुल्क में वृद्धि पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी। इसे अमेरिका में कुशल भारतीय पेशेवरों और उनके परिवारों के लिए संभावित व्यवधान बताया था।

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भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि एच-1बी वीजा नियम में किए गए बदलाव के असर का अध्ययन किया जा रहा है। भारत और अमेरिका दोनों देशों के उद्योगों की इनोवेशन और रचनात्मकता में रुचि है और उनसे आगे बढ़ने के सर्वोत्तम मार्ग पर परामर्श की उम्मीद की जा सकती है।

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