मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले व्हाइट हाउस ने खालिस्तानियों से की बात

पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा से कुछ घंटे पहले ही व्हाइट हाउस ने खालिस्तानी समर्थकों से बातचीत कर भारत की चिंताएं बढ़ा दी हैं। अमेरिका ने खालिस्तान समर्थकों को आश्वासन दिया है कि उनकी सुरक्षा की जाएगी।

PM Modi US Visit: पीएम नरेंद्र मोदी की यूएस यात्रा के कुछ घंटे पहले ही व्हाइट हाउस ने खालिस्तानी समर्थकों से बातचीत कर भारत की चिंताएं बढ़ा दी है। अमेरिका ने खालिस्तान समर्थकों को आश्वस्त किया है कि अमेरिकी धरती पर वह पूरी तरह से सुरक्षित हैं और किसी प्रकार के इंटरनेशनल अटैक से उनकी सुरक्षा की जाएगी। अमेरिकी कोर्ट ने खालिस्तानी नेता पन्नून की हत्या के प्रयास की साजिश में भी भारत के एनएसए अजीत डोभाल सहित कई अधिकारियों को समन भेजा था जिसके बाद भारत-अमेरिका के रिश्तों को लेकर कई सवाल खड़े हुए थे।

दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे पर गए हैं। देर शाम को वह फिलाडेल्फिया में लैंड किए। उनके पहुंचने के पहले खालिस्तानियों के साथ अमेरिका ने बातचीत की है। यह मीटिंग आधिकारिक व्हाइट हाउस में आयोजित की गई। इस मीटिंग में अमेरिकी सिख कॉकस समिति के प्रीतपाल सिंह और सिख गठबंधन और सिख अमेरिकी कानूनी रक्षा और शिक्षा कोष (SALDEF) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। अमेरिकी सिख कॉकस कमेटी के फाउंडर प्रीतपाल सिंह ने कहा कि कल हमें सिख अमेरिकियों के जीवन को बचाने और हमारे समुदाय की सुरक्षा में सतर्कता के लिए वरिष्ठ संघीय सरकारी अधिकारियों को धन्यवाद देने का मौका मिला। हम अपने समुदाय की सुरक्षा के लिए और अधिक करने के उनके आश्वासन पर कायम रहेंगे। स्वतंत्रता और न्याय की जीत होनी चाहिए।

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अमेरिकी सरकार की पहली बार अलगाववादियों के साथ बातचीत

दरअसल, यह पहला मौका है कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने सिख अलगाववादियों के साथ मीटिंग की है। हालांकि, बहुत डिटेल सामने नहीं आए हैं। इस मीटिंग के समय को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या भारत को आंख दिखाने के लिए अमेरिका ने ऐसा किया है। क्योंकि आश्चर्य की बात यह कि मीटिंग की पहल व्हाइट हाउस ने की थी। सिख समूह SALDEF वही ग्रुप है जिसने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर का खुलेआम समर्थन किया था और भारत को उसकी हत्या का दोषी ठहराया था।

भारत में खालिस्तानी संगठन प्रतिबंधित

सिख फॉर जस्टिस संगठन भारत में एक अलगाववादी संगठन है। कई अलगाववादी संगठन आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं। इस संगठन के मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू को भारत में भगोड़ा घोषित किया गया है। हालांकि, अमेरिका और कनाडा लगातार गुरपतवंत सिंह को शरण दिए हुए हैं। अब पीएम मोदी की यात्रा के कुछ घंटों पहले खालिस्तानी नेताओं का व्हाइट हाउस के साथ बातचीत कई सवाल खड़े करता है। व्हाइट हाउस ने कहा है कि वह अमेरिकी नागरिकों को यूएसए की सीमाओं के भीतर रहने के दौरान नुकसान से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। व्हाइट हाउस के बयान से यह साफ है कि अमेरिका और कनाडा में शरण और पनाह लिए खालिस्तानी अलगाववादियों की किसी भी हद तक अमेरिका मदद और सुरक्षा करेगा।

अमेरिकी कोर्ट ने एक सप्ताह पहले ही अजीत डोभाल को किया समन

खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून की हत्या की साजिश रचने के आरोप में अमेरिकी कोर्ट ने एक सप्ताह पहले ही भारत के एनएसए अजीत डोभाल सहित कईयों को समन जारी किया था। पन्नू को अमेरिका ने शरण दिया है। समन में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, पूर्व R&AW प्रमुख सामंत गोयल, R&AW के अधिकारी विक्रम यादव और एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता का नाम है। नवंबर 2023 में गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में कथित रूप से एक भारतीय को अरेस्ट किया गया है।

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