Sudan Violence: सूडान संघर्ष बढ़ा सकता है टेंशन, लंबी चली लड़ाई तो भारत को होगा नुकसान

सूडान में भारत के कई आर्थिक हित हैं। ऐसे में अगर वहां जारी संघर्ष लंबा चलता है, तो इससे भारत की चिंता बढ़ सकती है। सूडान में युद्ध लंबा होने पर वहां से आने वाले कच्चे तेल की सप्लाई बाधित हो सकती है।

Danish Musheer | Published : Apr 26, 2023 11:48 AM IST / Updated: Apr 27 2023, 09:17 PM IST

Sudan Violence: अफ्रीकी देश सूडान में भीषण हिंसा जारी है। यहां सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच संघर्ष हो रहा है। इस संघर्ष के चलते अब तक 400 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि हजारों की संख्या में लोग घायल हो गए हैं। इस बीच दोनों ओर से सीजफायर के ऐलान के बाद भारत सहित अन्य देशों ने सूडान में फंसे अपने-अपने नागरिकों को बाहर निकालने में जुट गए।भारत ने नागरिक निकालने के लिए ओपरेशन कावेरी शुरू किया है। ओपरेशन कावेरी के तहत भारतीय सेना ने अब तक 500 से ज्यादा नागरिकों को बाहर निकाल लिया है।हालांकि, यह संघर्ष लंबा चलता है, तो यह भारत के लिए चिंता का विषय हो सकता हैं।

दरअसल , सूडान में भारत के कई आर्थिक और अन्य हित हैं। ऐसे में लड़ाई लंबी चलती हो, तो इससे भारत को नुकसान हो सकता है। बता दें भारत सूडान से बड़ी मात्रा में तेल खरीदता है। ऐसे में संघर्ष लंबा खिंचने से तेल की सप्लाई बाधित हो सकती है।

सूडान में भारत के आर्थिक हित

भारत के सूडान में कई आर्थिक हित हैं, लेकिन इनमें कच्चा तेल सबसे अहम है। सूडान भारत के लिए कच्चे तेल का एक प्रमुख सप्लायर है और वह देश को बड़ी मात्रा में तेल सप्लाई करता है। देश में कोई भी अस्थिरता संभावित रूप से भारत की ऊर्जा सुरक्षा को बाधित कर सकती है।

सूडान में भारत तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक

सूडान के विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत और सूडान के बीच द्वीपक्षीय व्यापार में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। वर्ष 2005-06 में दोनों देशों के बीच 32.72 करोड़ डॉलर का व्यापार हुआ था। वर्ष 2018-19 में ये बढ़कर 166.37 करोड़ डॉलर हो गया था। रिपोर्ट के अनुसार भारत चीन और सऊदी अरब के बाद तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है।

भारत की 75 से ज्यादा कंपनियां सूडान में बिजनेस की तलाश में

भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2005-06 में भारत ने सूडान को कुल 29.46 करोड़ डॉलर का निर्यात किया था, जो वर्ष 2018-19 में बढ़कर 92.08 करोड़ डॉलर पहुंच गया था। जानकारी के अनुसार देश की 75 से अधिक कंपनियां सूडान में बिजनेस के मौके तलाश रही हैं। इतना ही नहीं सूडान में भारत की कई कंपनियां तेल और ऊर्जा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर काम कर रही हैं। वहीं, कुछ कंपनियां कृषि क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं।

भारत सूडान के बीच व्यापार में बढ़ोतरी

भारत तिल के बीज, कॉटन, जानवरों की खाल और गोंद जैसी चीजें बड़ी मात्रा में निर्यात करता है। सूडान से भारत द्वारा निर्यात होने वाली चीजों में 300 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। भारत ने सूडान में छोटे उद्योग, कृषि, स्वास्थ्य, फॉर्मा और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में खुद को तेजी से मजबूत करना चाहता है।

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