ज्योतिष के माध्यम से हम आने वाले भविष्य के बारे में काफी कुछ जान सकते हैं। ज्योतिष की अनेक विधाएं हैं, इनमें से एक है अंक ज्योतिष। ये विधा आजकल बहुत प्रचलित है। इसे अंग्रेजी में न्यूमरोलॉजी कहते हैं।
अंक ज्योतिष की अपनी एक अलग पहचान है। हालांकि इसका उद्देश्य अन्य ज्योतिष विधाओं की तरह ही लोगों का भविष्य बताना है। इसमें 1 से लेकर 9 तक सभी अंक किसी न किसी ग्रह से संबंधित हैं।
अंक ज्योतिष के कई नाम हैं, जैसे अंक शास्त्र और न्यूमरोलॉजी आदि। इस विधा के माध्यम से किसी के भी भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में जाना जा सकता है। इस विधा का मूल आधार है जन्म तारीख यानी डेट आफ बर्थ है।
अंक ज्योतिष भी अन्य ज्योतिष विधाओं जैसा ही है। फर्क सिर्फ इतना है कि इसमें जन्म तिथि के अंकों को जोड़कर मूलांक निकाला जाता है और इसी के आधार पर भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में प्रीडिक्शन की जाती है।
अंक ज्योतिष का मूल आधार है जन्म तारीख यानी डेट ऑफ बर्थ। इस विधा का उपयोग भी भविष्य जानने के लिए होता है। इसे न्यूमरोलॉजी और अंक शास्त्र भी कहते हैं। इसके अनुसार हर अंक किसी एक ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है।
अंक ज्योतिष का महत्व भी अन्य ज्योतिष विधाओं जितना ही है। इस विधा के अंतर्गत जन्म तारीख के अंकों को जोड़कर एक विशेष अंक निकाला जाता है, जिसे मूलांक या लकी नंबर कहते हैं। अंग्रेजी में अंक ज्योतिष को ही न्यूमरोलॉजी कहते हैं।
अंकों का आविष्कार सालों पहले हो चुका था। बाद में इन अंकों को ज्योतिष से जोड़ा गया है और अंक शास्त्र का निर्माण हुआ। यही अंक शास्त्र वर्तमान में न्यूमरोलॉजी के नाम से जाना जाता है। इसके जरिए हम भविष्य की संभावित घटनाओं के बारे में जा सकते हैं।
अंक ज्योतिष भी अन्य विधाओं की तरह ही आने वाले संभावित भविष्य के बारे में हमें बताता है। इसे माध्यम से कुछ उपाय किए जाएं तो आने वाले संकटों से बचा भी जा सकता है। अंग्रेजी में इस विधा को न्यूमरोलॉजी कहते हैं।
अंक यानी डिजिट्स हमारी लाइफ की एक हिस्सा है। किसी भी गणना को करते समय अंकों का इस्तेमाल किया जाता है। ये अंक न सिर्फ हमारी मदद करते हैं बल्कि हमारे आने वाले भविष्य के बारे में भी बताते हैं। इस विधि को अंक ज्योतिष कहते हैं।
अंक ज्योतिष के बारे में तो हम सभी ने सुना होगा, लेकिन ये किस तरह काम करता है, इसके बारे में कम ही लोगों को पता है। इस विधा का मूल आधार जन्म तारीख यानी डेट ऑफ बर्थ है। इसी को जोड़कर मूलांक यानी लकी नंबर निकाला जाता है।