सोचिए अगर अंक न होते तो हम गणना कैसे करते। अंक न सिर्फ गणनाओं के काम आते हैं बल्कि इनसे भविष्य से जुड़ी कई बातें भी जानी जा सकती है। इस विधा को अंक ज्योतिष यानी न्यूमरोलॉजी कहा जाता है।
अंक ज्योतिष के अनुसार, सभी मूल अंक यानी 1 से लेकर 9 तक पर किसी न किसी ग्रह का प्रभाव जरूर होता है। यही ग्रह उन अंकों से जुड़े लोगों को प्रभावित करते हैं। अंक ज्योतिष से किसी भी व्यक्ति के जीवन के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है।
अंक ज्योतिष का अपना एक अलग महत्व है। इसे न्यूमरोलॉजी भी कहते हैं। इसके माध्यम से किसी भी व्यक्ति के भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में जाना जा सकता है। अंक ज्योतिष वैदिक ज्योतिष से भी प्रभावित है।
अंकों का आविष्कार किसने किया, इस बात को लेकर कई बातें प्रचलित हैं। लेकिन अंक न सिर्फ गणनाओं के काम आते हैं बल्कि इनका ज्योतिष से भी गहरा संबंध है। अंक संबंधित शास्त्र को अंक ज्योतिष कहा जाता है।
अंकों का हमारे जीवन में बहुत ही विशेष महत्व है। सोचिए अगर अंक न होते तो गणना किस आधार पर की जाती ह। अंक न सिर्फ गणना करने के काम आते हैं बल्कि इनसे भविष्य भी जाना जा सकता है। इस विधा को अंक शास्त्र कहते हैं।
अंक ज्योतिष पर भी वैदिक ज्योतिष का प्रभाव देखने को मिलता है क्योंकि 1 से लेकर 9 तक सभी अंक किसी न किसी ग्रह से प्रभावित होता है। जैसे अंक 1 सूर्य से संबंधित है और अंक 8 शनि से।
दुनिया भर में कई तरह की ज्योतिष विधाएं प्रचलित हैं, उन्हीं में से एक है अंक ज्योतिष। इसे न्यूमरोलॉजी भी कहते हैं। इसका वैदिक ज्योतिष से भी गहरा संबंध हैं क्योंकि 1 से लेकर 9 अंक तक सभी किसी न किसी ग्रह से संबंधित है।
अंकों का महत्व सिर्फ गणनाओं तक ही सीमिति नहीं है। ये अंक हमारे आने वाले भविष्य के बारे में भी काफी कुछ बताते हैं। इस विधा को अंक ज्योतिष कहा जाता है। समय के साथ इस विधा का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है।
अंक ज्योतिष के माध्यम से किसी के भी भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में जाना जा सकता है। इसका मूल आधार है जन्म तारीख यानी डेट ऑफ बर्थ। समय के साथ इसका क्रेज भी तेजी से बढ़ता जा रहा है।
अंक ज्योतिष के माध्यम से भी भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में जाना जा सकता है। अंक ज्योतिष के अनुसार, 1 से लेकर 9 अंक तक सभी किसी न किसी ग्रह से संबंधित हैं। इसलिए इन मूलांक वाले लोगों पर ग्रहों का प्रभाव देखा जा सकता है।