अंक शास्त्र के बारे में कभी न कभी हम सभी सुनते हैं, मगर बहुत कम लोग इसके बारे में जानते हैं। ये भी ज्योतिष की एक विधा है, जिसका आधार जन्म तारीख यानी डेट ऑफ बर्थ है। इस पर भी वैदिक ज्योतिष का प्रभाव देखने को मिलता है।
अंकों का हमारे जीवन में विशेष महत्व है। अंकों के माध्मय से हम अपने भविष्य के बारे में भी जान सकते हैं। अंकों से भविष्य जानने की विधा को अंक शास्त्र कहते हैं। अंग्रेजी में इसे न्यूमरोलॉजी कहते हैं।
अंक ज्योतिष का इतिहास काफी पुरानी है। ये विधा प्राचीनकाल से संबंधत है, लेकिन वर्तमान में इसका नया स्वरूप सामने आया है। अंग्रेजी में इसे न्यूमरोलॉजी कहते हैं। इससे किसी भी व्यक्ति के भविष्य के बारे में जाना जा सकता है।
अंक ज्योतिष वैसे तो काफी पुरानी ज्योतिष विधा है, लेकिन पिछले कुछ समय से ये तेजी से पूरी दुनिया में फैलती जा रही है। इसे अंग्रेजी में न्यूमरोलॉजी कहा जाता है। इसके माध्यम से आने वाली समय की प्रीडिक्शन की जाती है।
अंक ज्योतिष भी अन्य ज्योतिष विधाओं की तरह आने वाले भविष्य के बारे में बताता है। फर्क सिर्फ इतना है कि इसका आधार डेट ऑफ बर्थ यानी जन्म तारीख है। इसके अंकों को जोड़कर ही लकी नंबर निकाला जाता है।
जिस तारीख पर किसी व्यक्ति का जन्म होता है, वो भी बहुत खास होती है क्योंकि जन्म तारीख के अंकों को जोड़कर ही मूलांक, जन्मांक आदि निकाले जाते हैं, जिसके आधार ही व्यक्ति के भविष्य के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है।
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अंक ज्योतिष भी अन्य ज्योतिष विधाओं की तरह ही भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में बताता है। इसका आधार जन्म तारीख यानी डेट ऑफ बर्थ है। जन्म तारीख के अंकों को जोड़कर ही मूलांक, भाग्यांक आदि निकाले जाते हैं।
अंकों का हमारे जीवन में उतना ही महत्व है जितना सांस लेने के लिए हवा का। अंकों के जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल है। ये अंक हमारे जीवन प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं। अंक शास्त्र ज्योतिष की एक विधा है।
अंक शास्त्र भी अन्य ज्योतिष विधाओं की तरह ही काम करता है। ये विधा पूरी तरह से अंकों पर निर्भर करती है और ये अंक अलग-अलग ग्रहों का प्रतिनिधित्व करते हैं। अंक शास्त्र को ही न्यूमरोलॉजी भी कहते हैं।