अंक ज्योतिष पर भी वैदिक ज्योतिष का प्रभाव देखने को मिलता है क्योंकि 1 से लेकर 9 तक सभी अंक किसी न किसी ग्रह से प्रभावित होता है। जैसे अंक 1 सूर्य से संबंधित है और अंक 8 शनि से।
दुनिया भर में कई तरह की ज्योतिष विधाएं प्रचलित हैं, उन्हीं में से एक है अंक ज्योतिष। इसे न्यूमरोलॉजी भी कहते हैं। इसका वैदिक ज्योतिष से भी गहरा संबंध हैं क्योंकि 1 से लेकर 9 अंक तक सभी किसी न किसी ग्रह से संबंधित है।
अंकों का महत्व सिर्फ गणनाओं तक ही सीमिति नहीं है। ये अंक हमारे आने वाले भविष्य के बारे में भी काफी कुछ बताते हैं। इस विधा को अंक ज्योतिष कहा जाता है। समय के साथ इस विधा का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है।
अंक ज्योतिष के अनुसार, 1 से लेकर 9 तक सभी अंक किसी न किसी ग्रह का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसी के आधार पर अंकों के जुड़ी भविष्यवाणी की जाती है। जैसे अंक 8 का प्रतिनिधित्व ग्रह शनि है। ऐसे ही अन्य अंकों से भी ग्रहों का संबंध है।
अंक ज्योतिष का अपना खास महत्व है। इसका मुख्य आधार है जन्म तारीख यानी डेट ऑफ बर्थ। जन्म तारीख के सभी अंकों को जोड़कर एक अंक निकाला जाता है, जिसे मूलांक कहा जाता है। इसी के आधार पर प्रीडिक्शन की जाती है।
अंक शास्त्र का महत्व अन्य ज्योतिष विधाओं की तरह ही है। इसमें अंकों के माध्मय से आने वाले कल के बारे में संभावित बातें बताई जाती हैं। समय के साथ इसका क्रेज भी लोगों के बीच बढ़ता जा रहा है।
अंक ज्योतिष में जन्म तारीख यानी डेट ऑफ बर्थ के अंकों को जोड़कर एक मूलांक निकाला जाता है, उसी के आधार पर भविष्यवाणी की जाती है। इस विधा को न्यूमरोलॉजी भी कहा जाता है। इसका क्रेज धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है।
अंक ज्योतिष के माध्यम से किसी के भी भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में जाना जा सकता है। इसका मूल आधार है जन्म तारीख यानी डेट ऑफ बर्थ। समय के साथ इसका क्रेज भी तेजी से बढ़ता जा रहा है।
अंक ज्योतिष के माध्यम से भी भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में जाना जा सकता है। अंक ज्योतिष के अनुसार, 1 से लेकर 9 अंक तक सभी किसी न किसी ग्रह से संबंधित हैं। इसलिए इन मूलांक वाले लोगों पर ग्रहों का प्रभाव देखा जा सकता है।
ज्योतिष के माध्यम से हम आने वाले भविष्य के बारे में काफी कुछ जान सकते हैं। ज्योतिष की अनेक विधाएं हैं, इनमें से एक है अंक ज्योतिष। ये विधा आजकल बहुत प्रचलित है। इसे अंग्रेजी में न्यूमरोलॉजी कहते हैं।