उज्जैन. बुध ग्रह 11 मार्च को मकर राशि से निकलकर कुंभ में प्रवेश करेगा। कुंभ राशि के स्वामी शनिदेव हैं। 11 मार्च को महाशिवरात्रि पर्व भी है। इस दिन बुध का राशि परिवर्तन शुभ माना जा रहा है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार जानिए सभी 12 राशियों पर बुध का कैसा असर होने वाला है...
वैदिक ज्योतिष की तरह हस्तरेखा शास्त्र में भी सैकड़ों योगों का वर्णन मिलता है। ये योग व्यक्ति की हथेली में विशेष रेखाओं, पर्वतों और चिह्नों के संयोग से बनते हैं।
उज्जैन. राहु के बारे में माना जाता है कि वह कुंडली के जिस भाव में बैठता है या जिस ग्रह के साथ बैठता है, उसे खराब कर देता है। हालांकि, यह बात पूरी तरह सही नहीं है। हमेशा वक्री स्थिति में रहने वाला राहु अगर कुंडली में सही स्थिति में है या योगकारक है तो व्यक्ति के जीवन को नई ऊंचाई पर ले जाने में अहम भूमिका निभाता है। साथ ही जीवन की सभी बाधाओं को दूर कर देता है। हम यहां राहु से बनने वाले ऐसे ही कुछ योगों के बारे में बता रहे हैं...
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हमारी हथेलियों में कई तरह के चिह्न बनते हैं। इनमें से कुछ शुभ होते हैं तो कुछ अशुभ। हथेली में शुभ चिह्न होने से व्यक्ति को जीवन के सभी सुख मिलते हैं। ऐसा ही एक शुभ चिह्न है शंख का।
हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार किसी भी लड़की के हथेली की रेखाओं को देखकर उसके होने वाले पति के व्यवहार और स्वभाव के बारे में जाना जा सकता है।
हिंदू धर्म में विवाह से पहले लड़का-लड़की की जन्म कुंडली अवश्य मिलाई जाती है। इसमें किसी प्रकार का दोष न होने पर ही विवाह किया जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गर्भस्थ शिशु पर ग्रह नक्षत्रों का भी पूर्ण प्रभाव रहता है। यही शिशु का भविष्य निर्धारित करते हैं। इसलिए हमारे प्राचीन मनीषियों ने गहन अध्ययन और शोध करने के बाद गर्भकाल के नौ माह में प्रत्येक माह का एक अधिपति ग्रह निश्चित किया है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति की कुंडली देखकर यह पता लगाया जा सकता है उसे कौन-सी बीमारी होने की सबसे ज्यादा संभावनाएं हैं। ग्रहों की स्थिति इस बारे में काफी कुछ बता देती है।
उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में जब बुध और सूर्य एक ही भाव में होते हैं तो बुधादित्य योग बनता है। ये योग बहुत ही खास है क्योंकि ये शुभ फल प्रदान करता है। अगर इस योग पर किसी पाप ग्रह का असर न हो तो व्यक्ति अपने जीवन में हर काम में सफलता प्राप्त करता है। जानिए किस राशि के लिए कैसा फल देता है योग…
जन्म कुंडली में स्थित ग्रह जब कोई अशुभ योग बनाते हैं तो व्यक्ति कई गलत आदतों का शिकार हो जाता है जैसे- शराब, सिगरेट, तंबाकू आदि। यूं तो नशे के पीछे लोग कई तरह के बहाने बनाते हैं, लेकिन इसकी एक वजह कुंडली के ग्रहों का प्रभाव भी होता है।