घर में रखी हर एक वस्तु का संबंध वास्तु शास्त्र से होता है। वास्तु शास्त्र में घर की चीजों के लिए सही-गलत जगहें बताई गई हैं। अगर चीजें सही जगहों पर रखी रहती है तो घर में सकारात्मकता बनी रहती है और कार्यों में सफलता मिलने की संभावनाएं बनी रहती है।
उज्जैन. 27 जून, शनिवार को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है। इस दिन सूर्योदय पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में होगा, जो सुबह 10.23 तक रहेगा। इसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा। शनिवार को पहले पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से लुंबक और उसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र होने से उत्पात नाम के 2 अशुभ योग इस दिन बन रहे हैं। शनिवार की शाम को लगभग 4 बजे चंद्रमा सिंह से कन्या राशि में प्रवेश करेगा। जानिए ग्रह-नक्षत्रों का क्या होगा आपके जीवन पर असर…
हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार हमारे हाथ की रेखाओं और हथेली की बनावट का अध्ययन करके व्यक्ति के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें पता की जा सकती हैं। इन महत्वपूर्ण रेखाओं में जीवन रेखा, भाग्य रेखा, हृदय रेखा, मणिबंध, सूर्य रेखा, विवाह रेखा शामिल है।
महीने के आखिरी दिन (30 जून) बृहस्पति (गुरु) ग्रह राशि बदलकर धनु में आ जाएगा। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार अभी ये ग्रह वक्री चल रहा है। यानि सभी राशियों को इस ग्रह का शुभ प्रभाव नहीं मिल पा रहा है।
उज्जैन. 26 जून, शुक्रवार को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी और षष्ठी तिथि का योग है। इस दिन सूर्योदय मघा नक्षत्र में होगा, जो सुबह 11.44 तक रहेगा। इसके बाद पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा। शुक्रवार को पहले काण नाम का अशुभ योग और उसके बाद पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने के सिद्धि नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। जानिए कैसा बीतेगा आपका दिन-
किचन घर का महत्वपूर्ण स्थान होता है। किचन में अगर वास्तु दोष हो तो उसका सबसे ज्यादा नेगेटिव इफेक्ट परिवार की महिलाओं पर ही पड़ता है।
25 जून, गुरुवार को शुक्र वृष राशि में मार्गी हो जाएगा। शुक्र के मार्गी होने से 6 वक्री ग्रहों को योग भी खत्म हो जाएगा। अब राहु-केतु के अलावा, बुध, गुरु और शनि वक्री रहेंगे।
25 जून, गुरुवार को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस दिन पहले अश्लेषा नक्षत्र होने से अमृत नाम का शुभ योग और उसके बाद मघा नक्षत्र होने से मूसल नाम का अशुभ योग बन रहा है।
24 जून, बुधवार को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी है। इसे विनायकी चतुर्थी कहते हैं। इस दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा विशेष रूप से की जाती है।
उज्जैन. 24 जून, बुधवार को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। इस दिन सूर्योदय पुष्य नक्षत्र में होगा, जो दोपहर 1.33 तक रहेगा। इसके बाद अश्लेषा नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा। बुधवार को पहले पुष्य नक्षत्र होने से मातंग नाम का शुभ योग और उसके बाद अश्लेषा नक्षत्र होने से राक्षस नाम का अशुभ योग बन रहा है। जानिए कैसा बीतेगा आपका दिन-