व्यक्ति को ऊंचा पद मिलेगा या नहीं, सरकारी नौकरी मिलेगी या नहीं ये सब कुंडली में सूर्य की स्थिति पर निर्भर होता है। कुंडली में सूर्य की शुभ स्थिति व्यक्ति को मान-सम्मान और सुख-समृद्धि प्रदान करती है।
हिंदू कैलेंडर का पांचवा महीना यानी श्रावण मास 6 जुलाई को शुरू होने वाला है। इस बार सावन मास 29 दिन का होगा।
जुलाई 2020 में ग्रह नक्षत्रों की स्थितियां कुछ राशियों के लिए शुभ रहेगी, वहीं कुछ लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
1 जुलाई, बुधवार को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी है। इसे देवशयनी एकादशी कहते हैं। इस दिन विशाखा नक्षत्र होने से धाता नाम का शुभ योग बन रहा है।
हस्तरेखा ज्योतिष में बताया गया है कि रेखाओं के साथ ही हथेली और उंगलियों की बनावट का असर व्यक्ति के स्वभाव पर पड़ता है।
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु या केतु का मंगल से किसी भी भाव में संबंध हो तो अंगारक योग बनता है। इस योग की वजह से व्यक्ति का स्वभाव आक्रामक, हिंसक और नकारात्मक हो सकता है।
30 जून, मंगलवार को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। इस दिन स्वाती नक्षत्र होने से ध्वज नाम का शुभ योग बन रहा है।
ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति के जन्म के समय चंद्र जिस राशि में रहता है, वही उस व्यक्ति की नाम राशि होती है। इसे चंद्र राशि भी कहा जाता है। चंद्र राशि के अनुसार सभी 12 राशियों के लिए अलग-अलग नाम अक्षर बताए गए हैं।
29 जून, सोमवार को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है। इसे भड़ली नवमी कहते हैं। इस दिन पहले हस्त नक्षत्र होने से वज्र और उसके बाद चित्रा नक्षत्र होने से मुग्दर नाम के 2 अशुभ योग बन रहे हैं।
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों से संबंधित कोई दोष होते हैं तो भाग्य का साथ नहीं मिल पाता है। कुंडली के दोषों को दूर करने के लिए ज्योतिष में कई उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को करते रहने से निकट भविष्य में सकारात्मक फल मिलने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।