शुक्रवार को रेवती नक्षत्र होने से श्रीवत्स नाम का शुभ योग और उसके बाद अश्विनी नक्षत्र होने से वज्र नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। इनके अलावा इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि नाम के 2 शुभ योग भी बन रहे हैं।
हिंदू धर्म में रोज सुबह सूर्यदेव को अर्घ्य देने और उनकी पूजा करने का विधान है। भविष्य पुराण में सूर्यदेव को प्रसन्न करने के अनेक उपाय बताए गए हैं।
नए कपड़े खरीदना और पहनना सभी को अच्छा लगता है। नए कपड़े खरीदते और पहनते समय अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो इससे हमारा गुडलक भी बढ़ सकता है।
गुरुवार को उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र होने से छत्र और उसके बाद रेवती नक्षत्र होने से मित्र नाम के 2 शुभ योग बन रहे हैं। इसके अलावा इस दिन सिद्धि व सर्वार्थसिद्धि नाम के 2 अन्य शुभ योग भी बन रहे हैं।
वैसे तो माता सरस्वती की कृपा पाने के लिए अनेक स्तुतियां व स्त्रोत की रचना की गई है, लेकिन सभी में विश्वविजय सरस्वती कवच प्रमुख है।
हमारे यहां पुरातन समय से ही घर में जानवर पाले जाते हैं। पहले के समय में गाय, भैंस आदि पाले जाते थे, जिनका व्यवसायिक उपयोग भी होता है। वर्तमान समय में कुत्ते, बिल्ली व मछली आदि शौकिया तौर पर पाले जाते हैं।
बुधवार को पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र होने से पद्म नाम का शुभ योग और उसके बाद उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र होने से लुंबक नाम का अशुभ योग बन रहा है।
ज्योतिष में कुल 9 ग्रह बताए गए हैं, इनमें से 2 ग्रह राहु और केतु छाया ग्रह हैं। आमतौर पर इन्हें अशुभ ग्रह माना जाता है।
मंगलवार की सुबह शतभिषा नक्षत्र होने से पहले मृत्यु और उसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र होने से काण नाम के 2 अशुभ योग बन रहे हैं।
23 जनवरी की रात शनि राशि बदलकर धनु से मकर में प्रवेश कर चुके हैं। इससे पहले 26 जनवरी 1637 को मौनी अमावस्या पर शनि का मकर राशि में प्रवेश हुआ था।