मंगलवार 19 मई को चंद्रमा पर शनि की वक्र दृष्टि पड़ने से विषयोग बन रहा है। वहीं सूर्य-चंद्रमा की स्थिति से आयुष्मान नाम का एक और शुभ योग पूरे दिन रहेगा।
ज्योतिष शास्त्र में स्वप्न ज्योतिष का भी विशेष महत्व है। सपने हमें आने वाले भविष्य के बारे में पहले से ही संकेत दे देते हैं, ऐसी मान्यता है।
इस बार शनि जयंती शुभ योगों में 22 मई, शुक्रवार को मनाई जाएगी। इस समय शनिदेव स्वयं की राशि मकर में गुरु के साथ स्थित हैं।
ग्रहों की स्थिति के अनुसार अगले 15 दिनों में कई लोगों को नौकरी और बिजनेस में किस्मत का साथ मिल सकता है। लेन-देन और निवेश में भी फायदा हो सकता है।
उज्जैन. 18 मई, सोमवार को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है। इसे अचला एकादशी कहते हैं। इस दिन सूर्योदय उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में होगा। इसके बाद शाम को करीब 5.43 के बाद रेवती नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा। सोमवार को पहले उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र होने से गद और उसके बाद रेवती नक्षत्र के होने से मातंग नाम के 2 शुभ योग बन रहे हैं। जानिए कैसा बीतेगा आपका दिन-
वर्तमान में ग्रहों का दुर्लभ योग बन रहा है। इस योग का असर सभी राशियों पर अलग-अलग रूप में देखने को मिलेगा। 14 मई से गुरु वक्री हो चुका है। इससे पहले शनि और शुक्र भी वक्री स्थिति में हैं। राहु-केतु हमेशा वक्री रहते हैं। इस तरह अब नौ में से पांच ग्रह वक्री हो गए हैं।
14 मई, गुरुवार से बुध और सूर्य के बीच की दूरी बढ़ गई, जिससे बुध ग्रह उदय हो गया है। इसके पहले 19 अप्रैल को बुध अस्त हो गया था, जिसके कारण इस ग्रह के शुभ फल नहीं मिल पा रहे थे।
रविवार को पहले पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र होने से चर और उसके बाद उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र होने से स्थिर नाम के 2 शुभ योग बन रहे हैं। रविवार की दोपहर लगभग 3 बजे से सर्वार्थसिद्धि योग भी बनेगा।
ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 22 मई, शुक्रवार को है। इस दिन भगवान शनिदेव की पूजा विशेष रूप से की जाती है।
पिछले 4 दिनों में ग्रहों की स्थितियों में बदलाव आया है। ऐसा बहुत देखने में आता है कि 4 दिनों के अंतराल में 4 बड़े ग्रहों की स्थितियों बदल जाएं।