गुरुवार को उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र होने से मातंग और उसके बाद हस्त नक्षत्र होने से राक्षस नाम का अशुभ योग बन रहा है।
भगवान ने प्रत्येक मनुष्य का शरीर अलग बनाया है। प्रत्येक इंसान के चेहरा अलग होता है। उसकी कद-काठी भिन्न होती है। यहां तक की उनकी त्वचा का रंग भी अलग होता है। किसी की त्वचा का रंग काला होता है तो किसी का गोरा।
इस दिन सुबह सूर्य राशि बदलकर धनु से मकर राशि में प्रवेश करेगा। वहीं दोपहर में लगभग 3 बजे चंद्रमा राशि बदलकर सिंह से कन्या राशि में प्रवेश करेगा। जानिए कैसा बीतेगा आपका दिन-
वास्तु शास्त्र में हर चीज को लेकर खास नियम बताए गए है, जिनका पालन करने पर वहां रहने वालों को कई लाभ मिलते हैं।
मंगलवार को मघा नक्षत्र होने से कालदण्ड और उसके बाद पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से धूम्र नाम के 2 अशुभ योग बन रहे हैं।
इस बार 15 जनवरी, बुधवार को मकर संक्राति है। इस दिन सुबह 8.33 मिनट पर सूर्य श्रवण नक्षत्र के साथ धनु से मकर राशि में प्रवेश करेगा। श्रवण नक्षत्र के स्वामी शनि है। चंद्र पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में रहेगा और बुधवार को पंचमी तिथि रहेगी।
सोमवार को अश्लेषा नक्षत्र होने से सौम्य नाम का शुभ योग और इसके बाद मघा नक्षत्र होने से ध्वांक्ष नाम का अशुभ योग बन रहा है।
मौसम का मिजाज भांपने में मौसम विभाग का पूर्वानुमान भले ही यदाकदा गलत हो जाता हो, लेकिन ‘ज्योतिष’ को स्थापित विज्ञान बताते हुये एक ‘नजूमी’ का दावा है कि वह पिछले कुछ सालों से सरकार को मौसम की सटीक भविष्यवाणी से लगातार अवगत करा रहे हैं
जब सूर्य धनु से निकलकर मकर राशि में जाता है तो मकर संक्रांति (15 जनवरी) का पर्व मनाया जाता है। इसे उत्तरायण भी कहते हैं। मान्यता है कि इसी दिन से देवताओं का दिन शुरू होता है।
रविवार को माघ मास के कृष्ण पक्ष की द्वितिया तिथि है। इस दिन सूर्योदय पुष्य नक्षत्र में होगा, जो दोपहर 1.50 तक रहेगा। इसके बाद अश्लेषा नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा। रविवार को पुष्य नक्षत्र होने से रवि पुष्य का योग तो बन ही रहा है