मकर संक्रांति (15 जनवरी, बुधवार) से सूर्य उत्तरायण होता है, यानी दक्षिण से उत्तरी गोलार्द्ध की ओर आना शुरू होता है। इससे रातें छोटी व दिन बड़े होने लगते हैं। धर्म ग्रंथों में उत्तरायण को देवताओं का दिन भी कहते हैं।
शनिवार को पुनर्वसु नक्षत्र होने से छत्र और उसके बाद पुष्य नक्षत्र के योग से मित्र नाम के 2 शुभ योग बन रहे हैं।
13 जनवरी, सोमवार को माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इसे संकटा चतुर्थी भी कहते हैं। इस दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा का विशेष महत्व है।
इस बार 11 जनवरी को शनिवार और पुष्य नक्षत्र का योग बन रहा है। अगर आपकी कुंडली में शनि दोष है तो इस दिन शानि पाताल क्रिया करने से आपकी परेशानियां दूर हो सकती हैं।
शुक्रवार को आर्द्रा नक्षत्र होने से पद्म नाम का शुभ योग और उसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र के योग से लुंबक नाम का अशुभ योग बन रहा है।
10 जनवरी, शुक्रवार को साल का पहला चंद्रग्रहण होगा। इस ग्रहण में चंद्रमा घटता-बढ़ता नहीं दिखाई देगा, सिर्फ चंद्रमा के आगे धूल की एक परत-सी छा जाएगी।
8 जनवरी, बुधवार की रात लगभग 2 बजे शुक्र ग्रह ने राशि बदली है। शुक्र ने मकर से कुंभ राशि में प्रवेश किया है।
गुरुवार को मृगशिरा नक्षत्र होने से मृत्यु और उसके बाद आर्द्रा नक्षत्र के योग से काण नाम के 2 अशुभ योग बन रहे हैं।
बुधवार को रोहिणी नक्षत्र होने से शुभ और उसके बाद मृगशिरा नक्षत्र होने से अमृत नाम के 2 शुभ योग बन रहे हैं। इसके अलावा इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी दिन भर रहेगा।
मंगलवार को कृत्तिका नक्षत्र होने से गद और उसके बाद रोहिणी नक्षत्र के योग से मातंग नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं। इस दिन दोपहर 2 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा।