वर्ल्ड न्यूज डेस्क. आर्थिक संकट(economic crisis in sri lanka) से जूझ रहा श्रीलंका गृहयुद्ध के मुहाने पर पहुंच गया है। हिंसक प्रदर्शन से स्थिति बेहद खतरनाक हो चुकी है। इस हिंसा में 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हैं। देश में उपद्रवियों को गोली मारने के आदेश हैं। इस बीच भारत ने उन अफवाहों का खंडन किया है, जिसमें कहा गया कि पूर्व पीएम महिंदा राजपक्षे भागकर भारत आ गए हैं। गवर्नमेंट मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन (GMOA) ने कहा कि अगर हिंसक स्थिति जारी रहती है, तो इससे अस्पतालों में मरीजों के दाखिले की संख्या में वृद्धि होगी, जो दवाओं और दवाओं की कमी को और बढ़ा देगा। जीएमओए की सामान्य समिति के सदस्य डॉ. प्रसाद कोलम्बेज ने नागरिकों से शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने का अनुरोध किया। जीएमओए ने प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास के पास और गाले फेस ग्रीन में निहत्थे नागरिकों पर हमले की कड़ी निंदा की। श्रीलंका के मानवाधिकार आयोग (HRCSL) में IGP और आर्मी कमांडर को तलब किया। आयोग की अध्यक्ष, रोहिणी मरासिंघे, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) द्वारा एक घोषणा में बुधवार को सुबह 10 बजे आयोग के सामने पेश होने के लिए बुलाया गया था। वहीं, खुफिया सेवा( intelligence service) के प्रमुख मेजर जनरल सुरेश सैली को गुरुवार (12 मई) को श्रीलंका के मानवाधिकार आयोग के समक्ष देश में आपातकाल की स्थिति लागू करने के कारणों की जांच करने के लिए बुलाया गया है। इधर, भारत ने मंगलवार को कहा कि ऐतिहासिक संबंधों के साथ भारत श्रीलंका के लोकतंत्र, स्थिरता और आर्थिक सुधार का पूरा समर्थन करता है। भारत ने अब तक भोजन, दवाओं आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं की कमी को कम करने के लिए श्रीलंका को 3.5 बिलियन डॉलर से अधिक की आर्थिक मदद दी है। पढ़िए अब तक का पूरा घटनाक्रम...