भगवान शंकर की वेशभूषा धारण किए शिवम स्वभाव से चंचल है। संगम की रेती में आकर्षक का केंद्र बना शिवम पढ़ाई में भी अव्वल है। जिसकी आसपास की टेंट में ठहरे कल्पवासी भी तारीफ करते हैं।
कहा जाता है कि भगवान राम और माता सीता ने वन जाते समय इस वट वृक्ष के नीचे तीन रात तक निवास किया था। यहां किले के अंदर स्थित पातालपुरी मंदिर में अक्षय वट के अलावा 43 देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित है।
राम अवतार की अब उम्र 53 साल हो चुकी है। दिव्यांगता के कारण वह न तो चल फिर पाता है और न ही ठीक से खाना खा पाता है, लेकिन आस्था के आगे उसने अपनी लाचारी को भी मात दे दी है। राम अवतार का कहना है कि वह हर वर्ष गंगा मां के बुलावे पर संगम पहुंचता है।
पौष पूर्णिमा पर स्नान के बाद से आज से माघ मेले की शुरूआत हो गई। प्रयागराज स्थित संंगम में अल सुबह आस्था का सैलाब उमड़ा हुआ दिखाई दिया। जिसमें 32 लाख श्रद्धालुओ ने डुबकी लगाए। इन सब के इतर भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।
बेटी देर शाम तक घर नहीं लौटी तो परिवार के लोगों ने दूसरी लड़की से बात की। उसने बताया कि बच्चूलाल उसे छेमी (मटर) खिलाने के बहाने खेत की तरफ ले गया है। परिवार के लोगों ने तलाश शुरू की तो आलू के खेत में बालिका का शव मिला। उसकी गर्दन रेतकर हत्या कर दी गई थी।
हाल ही में दिल्ली के जेएनयू में छात्र गुटों के बीच बड़ा विवाद हो गया था। एक पक्ष के समर्थन में दीपिका पादुकोण 10 जनवरी को रिलीज होने वाली फिल्म छपाक के प्रमोशन हेतु पहुंच गई थी, जिसके बाद सोशल मीडिया से लेकर सिनेमाघरों तक विरोध शुरू हो गया है।
ज्योति ने बताया कि उसे कुछ न कर पाने से काफी मानसिक पीड़ा हुई। पिता के मेहनत की कमाई यूं डूबी तो कानूनी झंझट से भिड़ने के लिए खुद को तैयार करने का निर्णय लिया।
जिला कारागार मेरठ में पवन जल्लाद की हाजिरी रोजाना लग रही है। पवन को जेल बुलाकर उसकी उपस्थिति दर्ज कराई जा रही है। रोजाना उपस्थिति के लिए रजिस्टर बन गया है और उसके शहर से बाहर जाने पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। ये हाजिरी 15 जनवरी तक रोज लगेगी।
सीएम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हस्तिनापुर में अपना पहला रात्रि विश्राम करेंगे। मखदूमपुर में गंगा की आरती करेंगे। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ सांसद, विधायक और अधिकारी भी शामिल होंगे।
साकेतवासी परमहंस रामचंद्रदास ने 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री के दूत के रूप में आए आइएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह को शिला सौंपा था। 18 वर्ष पूर्व दान की गई इस शिला से मंदिर में आधारशिला रखने की मांग भी की जा रही है।