सार

भगवान शंकर की वेशभूषा धारण किए शिवम स्वभाव से चंचल है। संगम की रेती में आकर्षक का केंद्र बना शिवम पढ़ाई में भी अव्वल है। जिसकी आसपास की टेंट में ठहरे कल्पवासी भी तारीफ करते हैं।

प्रयागराज (uttar pradesh) । माघ मेला में स्नान, ध्यान का दौर चल रहा है। देश के कोने-कोने से साधु-संत पहुंच रहे हैं। इनमें भगवान शंकर की वेशभूषा में पांच साल का शिवम भी शामिल है। यह बालक लोगों के आकर्षक का केंद्र बना हुआ है।

एक माह करेगा कल्पवास
मीरजापुर निवासी शिवम मेला क्षेत्र में अपने परिवार के साथ पहुंचा है, जो एक माह तक मेला क्षेत्र में निवास करेगा। इस दौरान रोजाना परिवार के साथ सुबह स्नान करने जाता है। इसके बाद भोले बाबा की वेशभूषा में मेला क्षेत्र में अपने टेंट के आसपास भ्रमण करते दिखता है।
 

पढ़ाई में भी अव्वल है शिवम
भगवान शंकर की वेशभूषा धारण किए शिवम स्वभाव से चंचल है। संगम की रेती में आकर्षक का केंद्र बना शिवम पढ़ाई में भी अव्वल है। जिसकी आसपास की टेंट में ठहरे कल्पवासी भी तारीफ करते हैं।

गरीबी पर भारी पड़ी आस्था
शिवम का परिवार गरीबी से जंग लड़ रहा है, लेकिन इस परिवार को ईश्वर पर काफी विश्वास है। इसलिए पूरा परिवार धर्म-कर्म पर ही विश्वास रखता है। इस समय स्थिति यह है कि गरीबी पर आस्था भारी पड़ गई है।

पिता बेचता है शिविरों में चाय
गरीबी से जंग लगते हुए यह परिवार कल्पवास कर रहा है। शिवम के पिता राम अवतार परिवार का खर्च उठाने के लिए शिविरों में घूम-घूम कर चाय बेचता है। राम अवतार ने बताया कि दो बेटे और एक बेटी है, जो अभी छोटे-छोटे हैं। बड़े बेटे शिवम को पढ़ाने के लिए सरकारी स्कूल में भेजता है, जो पढ़ने में अच्छा है।