इस गांव में 90 प्रतिशत आबादी हिंदुओं की है। ग्रामीणों के मुताबिक, जहांगीर के शासनकाल वर्ष 1610 में इस अनूठी परंपरा की नींव पड़ी थी। तब पूरे गांव ने श्रद्धापूर्वक बाबा की शर्त को स्वीकार करते हुए जो प्रतिज्ञा ली थी, आज भी गांववासी उसका पालन कर रहे हैं।