अंक शास्त्र भी वैदिक ज्योतिष की ही तरह गणनाओं के आधार पर व्यक्ति के भविष्य के बारे में जानकारी देता है। अंक शास्त्र में गणना का मुख्य कारक व्यक्ति की जन्म तारीख होती है। अंक शास्त्र में प्रत्येक ग्रह के लिए 1 से लेकर 9 तक एक अंक निर्धारित किया गया है।
अंक शास्त्र में बार-बार भाग्यांक शब्द का जिक्र आता है। भाग्यांक का अर्थ है वह अंक जिससे आपका भाग्य आपका साथ दे अर्थात किस्मत चमकाने वाला अंक। वास्तव में गणना द्वारा निकाला हुआ यह अंक ही लोगों के लिए भाग्यशाली होता है।
आज (21 अगस्त, रविवार) भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि है। रविवार को मृगशिरा नक्षत्र होने से सौम्य नाम का शुभ योग इस दिन बनेगा। साथ ही हर्षण नाम का एक अन्य शुभ योग भी रहेगा। रविवार को राहुकाल शाम 05:15 से 06:50 तक रहेगा।
22 अगस्त, सोमवार को भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है। सोमवार को पहले मृगशिरा नक्षत्र होने से आनंद नाम का शुभ योग और उसके बाद आर्द्रा नक्षत्र होने से कालदण्ड नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। साथ ही वज्र नाम का एक अन्य योग भी इस दिन रहेगा।
अंक ज्योतिष एक प्राचीन विज्ञान है। अंक ज्योतिष में अंकों का ही महत्व है क्योंकि हमारे जीवन के सभी पहलु अंकों से जुड़े हुए हैं। जिस तरह जन्म कुंडली में ग्रहों का प्रभाव कार्य करता है, उसी प्रकार अंक ज्योतिष में अंकों की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है।
अंक शास्त्र चार्ट में अलग-अलग संख्याएं होती हैं, जिनके अपने अर्थ और उनसे जुड़ी विशेषताएं होती है। लोग अपने जीवन की खामियों को जानने के लिए इन नंबरों पर भरोसा करते हैं, ताकि आने वाले भविष्य में उन्हें सुधारने के उपाय कर सकें।
आज (24 अगस्त, बुधवार) भाद्रमास मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी और त्रयोदशी तिथि का संयोग बन रहा है। इस दिन बुध प्रदोष का व्रत किया जाएगा। बुधवार को पहले पुनर्वसु नक्षत्र होने से गद और उसके बाद पुष्य नक्षत्र होने से मांतग नाम के 2 शुभ योग बनेंगे।
आज (25 अगस्त, गुरुवार) त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि का संयोग बन रहा है। इस दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाएगा। गुरुवार को पहले पुष्य नक्षत्र होने से शुभ और बाद में अमृत नाम के शुभ योग इस दिन रहेंगे। इनके अलावा वरियान और परिघ नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे।
न्यूमरोलॉजी एक पाश्चात्य विधा है। इसे अंक और संख्या शास्त्र भी कहा जाता है। ये ज्योतिष शास्त्र की तरह ही भविष्य बताने के लिए उपयोगी विधा है। प्रारंभिक गणितज्ञों जैसे पाइथागोरस के समय संख्या शास्त्र गणित का ही एक अंग हुआ करता था।
आज (26 अगस्त, शुक्रवार) भाद्रपद मास की चतुर्दशी और अमावस्या तिथि का संयोग रहेगा। इस दिन श्राद्ध अमावस्या रहेगी। शुक्रवार को पहले आश्लेषा नक्षत्र होने से मृत्यु और उसके बाद मघा नक्षत्र होने से काण नाम के 2 अशुभ योग इस दिन बन रहे हैं।